धरती के वातावरण में तापमान के लगातार हो रही विश्वव्यापी बढ़ोतरी को ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) कहते हैं। पृथ्वी की सतह से अधिक पानी के वाष्पीकरण के कारण ग्लोबल वार्मिंग वातावरण में बढ़ रहा है, जो बदले में ग्रीनहाउस गैस बन जाता है और फिर से ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि का कारण बनता है। ग्लोबल वार्मिंग के कुछ अन्य कारण भी हैं जैसे जीवाश्म ईंधन का जलना, उर्वरकों का उपयोग, सीएफसी, ट्रोपोस्फेरिक ओजोन और नाइट्रस ऑक्साइड जैसी अन्य गैसों में वृद्धि का होना। इस तरह के कारणों में से सबसे प्रमुख कारण जनसंख्या में बेतहाशा वृद्धि, औद्योगिक विस्तार की बढ़ती मांग, वनों की कटाई, शहरीकरण के प्रति प्राथमिकता आदि हैं।
वनों की कटाई और ओजोन परत में छेद करने, वैश्विक कार्बन चक्र आदि जैसे तकनीकी उन्नति के माध्यम से पर्यावरण की प्राकृतिक प्रक्रियाएं हमें परेशान कर रही हैं और अल्ट्रा वायलेंट किरणों को इस प्रकार पृथ्वी पर आने की अनुमति दे रही हैं जिससे ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है। पृथ्वी पर पेड़ लगाकर हम हवा से अतिरिक्त कार्बन डाइऑक्साइड को कम कर सकते हैं और संतुलन बना सकते हैं। जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना भी दुनिया भर में ग्लोबल वार्मिंग को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है क्योंकि यह पृथ्वी पर विनाशकारी प्रौद्योगिकियों के उपयोग को कम करता है। इसलिए हमें ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना चाहिए।