Explanation : सेमल के पेड़ को साइलेंट डाक्टर कहा जाए तो अनुचित नहीं होगा। इसके फूल, फल, छाल आदि कई बीमारियों से निजात दिलाने में कारगर होते हैं। सेमल महिलाओं के लिए तो किसी वरदान से कम नहीं होता है। इसके पत्ते रक्तशोधन का बेहतर जरिया होते हैं, जबकि जड़ को ल्यूकोरिया की बेहतर औषधि माना गया है। आयुर्वेद में सेमल का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है। इस औषधियुक्त पेड़ का अलग-अलग स्वरूप में उपयोग पेचिश, गिल्टी या ट्यूमर, कब्ज, कमर दर्द, दूध बढ़ाने और खांसी आदि के निवारण में किया जाता है।
सेमल के उपयोग व फायदे
● सेमल के ताजे फल को देसी घी व सेंधा नमक के साथ सब्जी बनाकर खाने से महिलाओं में होने वाली ल्यूकोरिया बीमारी को दूर किया जा सकता है।
● सेमल की पत्तियों के डंठल का काढ़ा बनाकर दो चम्मच पीने से अतिसार, दस्त में आराम मिलता है।
● सेमल वृक्ष की छाल को पीसकर लेप लगाने से शरीर पर बने गहरे जख्म भी जल्दी भर जाते हैं।
● पेचिश होने पर सेमल के फूल के ऊपरी छिलकों को रात के वक्त भिगोकर सुबह मिश्री मिलाकर पीना चाहिए। इससे काफी राहत मिलती है।
● शरीर में कहीं सूजन या गांठ बनने पर सेमल के पत्ताें को पीसकर मरहम लगाने या बांधने से बहुत फायदा मिलता है और गांठ कम हो जाती है।
● सेमल की छाल या पत्तियों को घिसकर कील-मुहासों पर लगाने से वह निशान सहित गायब हो जाते हैं।
....अगला सवाल पढ़े