हम जानते है कि ऐसे विशेषण शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की संक्या का बोध कराते हैं, वह संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं। उदाहरण के तौर पर विश्व में सात अजूबे हैं। यहां सात शब्द अजूबों की संख्या का बोध करा रहे हैं। लेकिन यह सात अजूबें कौन से है, यह संख्यावाचक शब्दों के द्वारा यहां नीचे बताया गया है।
तीन लोक के नाम : आकाश, पाताल, मृत्यु-लोक (पृथ्वी लोक)
चार धाम के नाम : जगन्नाथ, रामेश्वर द्वारिका (द्वारका भी शुद्ध है), बद्रीनाथ
चार वेदों के नाम : आयुर्वेद, धनुर्वेद, सामवेद, स्थापत्यवेद
चार दिशाओं के नाम : पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण
चार आश्रमों के नाम : ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ, संन्यास
चार फरिश्तों के नाम : एंजल, माइकल, रफेल, एरियल
चार युगों के नाम : सतयुग, त्रेता, द्वापर, कलियुग
चार ग्रंथों के नाम : ऋगवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद, सामवेद
चार थन वाले जानवरों के नाम : गाय, भैंस, ऊंट, हाथी
भारत के चार नाम : भारतवर्ष, भारतखण्ड, आर्यावर्त, हिन्दुस्तान
सप्ताह के नाम : सोम, मंगल, बुद्ध गुरु, शुक्र, शनि, रवि
सप्त ऋषियों के नाम : कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, वशिष्ठ, जमदग्नि
सप्त धातु के नाम : रस, रक्त, मांस, मेद, धातुएं, मज्जा, शुक्र, (वैद्यक के अनुसार)
सात रंगों के नाम : लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, आसमानी, बैंगनी
सात दिनों के नाम : सोम, मंगल, बुद्ध गुरु, शुक्र, शनि, रवि
सात कलर के नाम : लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, आसमानी, बैंगनी
सप्तपुरी के नाम : अयोध्या, मथुरा, उज्जैन, वाराणसी, द्वारका, हरिद्वार, कांची
सात लोकों के नाम : अतल, सुतल, तलातल, वितल, महातल, रसातल, पाताल
सात अजूबे के नाम : चीन की दीवार, ताजमहल, पेट्रा, क्राइस्ट रिडीमर, माचू पिच्चु, कोलोज़ीयम, चिचेन इत्जा
सात चक्र के नाम : मूलाधार चक्र, स्वाधिष्ठान चक्र, मणिपुर चक्र, अनाहत चक्र, विशुद्ध चक्र, आज्ञा चक्र, सहस्त्रार चक्र
सात सागर के नाम : लवण का सागर, इक्षुरस का सागर, सुरा का सागर, घृत का सागर, दधि का सागर, क्षीर का सागर, मीठे जल का सागर
सात अनाजों के नाम : गेहूं, चावल, बाजरा, ज्वार, चने, मक्का, काली उड़द
सात आश्चर्य के नाम : चीन की दीवार, ताजमहल, पेट्रा, क्राइस्ट रिडीमर, माचू पिच्चु, कोलोज़ीयम, चिचेन इत्जा
सात समुन्दर के नाम : उत्तरी अटलांटिक, दक्षिण अटलांटिक, उत्तर प्रशांत, दक्षिण प्रशांत, आर्कटिक, दक्षिणी, हिंद
सात देवी के नाम : शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघण्टा, कूष्माण्डा, स्कन्दमाता, कालरात्रि, महागौरी
रामायण के सात कांड ओं के नाम : बाल कांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड, किसकिन्धा कांड, सुन्दर काण्ड, लंका कांड (युद्ध कांड), उत्तर कांड
आठ प्रहर के नाम : पूवाह्न, मध्याह्न, अपराह्न, सांय, (रात्रि के चार प्रहर) प्रदोष, निशीथ, त्रियामा, ऊषा
नव दुर्गा के 9 नाम : शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघण्टा, कूष्माण्डा, स्कन्दमाता, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री, दुर्गा
दस दिशाओं के नाम : पूर्व, पश्चिम उत्तर, दक्षिण, ईशान, नैऋत्य, वायव्य, आग्नेय, आकाश, पाताल
सोलह संस्कारों के नाम : गर्भाधान, पुंसवन, सीमान्तोन्नयन, जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चूड़ाकर्म, कर्णवेध, उपनयन, वेदारम्भ, समानवर्त्तन, विवाह, वानप्रस्थ, संन्यास, देहान्त
सोलह श्रृंगार के नाम : अंगशौच, उबटन, स्नान, केशबन्धन, अंड़्गराग, अञ्जन, महावर, दन्तरञ्जन, ताम्बूल, वसन, भूषण, सुगन्धि, पुष्पाहार, कुंकुम, भालतिलक, चिबुकबिन्दु
ट से तीन सब्जियों के नाम : टामाटर, टिनडे, टेडली
अर्जुन के दस नाम : पार्थ, जिष्णु, श्वेतवाहन, सव्यसच्चि, फाल्गुन, कीर्ति, गंदीवधारी, धनञ्जय, विजया, विभत्सु
दस सिख गुरु के नाम : गुरु नानक देव जी, गुरु अंगद देव जी, गुरु अमर दास जी, गुरु रामदास जी, गुरु अर्जन देव जी, गुरु हरगोबिन्द सिंह जी, गुरु हर राय जी, गुरु हरकिशन साहिब जी, गुरु तेग बहादुर सिंह जी, गुरु गोबिन्द सिंह जी
राधा जी के सोलह नाम : राधा, रासेस्वरी, रासवासिनी, रसिकेश्वरी, कृष्णप्रिया, कृष्णस्वरूपिणी, कृष्णवामांगसम्भूता, परमानन्दरूपिणी, कृष्णा, वृन्दावनी, वृन्दा, वृन्दावनविनोदिनी, चन्द्रावली, चन्द्रकान्ता, शरच्चन्द्रप्रभानना