(A) संगम कविताओं में भौतिक संस्कृति का कोई वर्षदर्भ नहीं है। (B) वर्ण का सामाजिक वर्गीकरण संगम कवियों को ज्ञात था।
(C) संगम कविताओं में समर शौर्य का कोई वर्षदर्भ नहीं है।
(D) संगम साहित्य में जादुई ताकतों को जाना असंगत बताया गया है।
Answer :वर्ण का सामाजिक वर्गीकरण संगम कवियों को ज्ञात था।
Explanation : संगम साहित्य को तीन भागों क्रमशः पत्थुप्पातु, इत्युथोकै तथा पदिनेनकीलकन्कु में बांटा जाता है। संगम साहित्य में प्रेम और राजाओं की प्रशंसा पर अधिक बल दिया गया। यह साहित्य संगम युग का विवरण देता है। यह साहित्य तमिल भाषा में लिखा गया है। तोलकाप्पिकम्, शिलप्पादिकारम्, मणिमेखलै आदि इसके प्रमुख ग्रंथ हैं। संगम तमिल कवियों का संगम या सम्मेलन था। आठवीं सदी में तीन संगमों का विवरण मिलता है। प्रथम संगम मदुरै में, दूसरा कपाटपुरम में तथा तीसरा मदुरै में हुआ था। पाण्ड्य राजाओं के द्वारा इन संगमों को शाही संरक्षण प्रदान किया गया था। संगम साहित्य से ज्ञात होता है कि वर्ण का सामाजिक वर्गीकरण संगम कवियों को ज्ञात था। बता दे कि दक्षिण भारत (कृष्णा एवं तुंगभद्रा नदी के दक्षिण में स्थित) में लगभग तीन सौ ईसा पूर्व में तीन सौ ई. के बीच की अवधि को संगम काल के नाम से जाना जाता है। ....अगला सवाल पढ़े
Explanation : हाथीगुम्फा के अभिलेख से खारवेल के विषय में जानकारी प्राप्त होती है। खारवेल कंलिंग में राज करने वाले महामेघवाहन वंशका तृतीय एवं सबसे महान सम्राट था। इस शिलालेख के अनुसार यह जैन धर्म का अनुयायी था। जैन लोगों को ग्राम दान में दिए जा ...Read More
Explanation : सर जॉन मार्शल ((Sir John Hubert Marshall)) एक पुरातत्वशास्त्री थे। वह 1902 से 1928 तक भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक रहे थे। हड़प्पा संस्कृति का महत्वपूर्ण स्थल मोहनजोदड़ों पाकिस्तान के सिंध प्राप्त के लरकाना जिले ...Read More
Explanation : नवदाटोली का उत्खनन एच डी सांकलिया ने किया था। महेश्वर में नवदाटेली का उत्खनन दकन कॉलेज, पोस्ट ग्रेजुएट एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुणे, एम एस विश्वविद्यालय बड़ौदा तथा मध्य प्रदेश के पुरातत्व विभाग ने संयुक्त रूप से एच डी सांकलिया के ...Read More
Explanation : गॉन्डोफर्नीज पहलव राजवंश का शासक था। गॉन्डोफर्नीज (पहली शताब्दी सामान्य संवत), हेरात, काबुल और गांधार (वर्तमान अफगानिस्तान व पाकिस्तान) में शासन करने वाले हिन्द-पहलव (भारतीयपार्थियन) राजा थे। गॉन्डोफर्नीज का प्रथम साक्ष्य अप्रामा ...Read More
Explanation : सम्राट हर्षवर्धन द्वारा रचित नागानंद में जिमूतवाहन बोधिसत्व का उल्लेख है। नागानंद (सों का आनंद) एक संस्कृत नाटक है, जिसकी रचना का श्रेय सम्राट हर्ष (शासनकाल 606 ईस्वी - 648 ईस्वी) को दिया जाता है। नागानंद सबसे प्रशंसित संस्कृत ना ...Read More
Explanation : नवपाषाणयुगीन प्राचीनतम बस्ती पाकिस्तान में स्थित बलूचिस्तान प्रांत में 'मेहरगढ़' है। इस स्थल से कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य एवं नव पाषाणिक कच्चे घरों के साक्ष्य मिले हैं। मेहरगढ़ में बसने वाले नवपाषाणयुग के लोग अधिक उन्नत थे, वे गे ...Read More
Explanation : मनके बनाने का कारखाना बनावली तथा लोथल दोनों हड़प्पन स्थल से प्राप्त हुए है। लोथल से प्राप्त अवशेषों में प्रमुख है- बंदरगाह, चावल एवं बाजरे का साक्ष्य, फारस की मुहर वाट एवं माप. तीन युगल समाधियाँ, घोड़े की लघु मृणमूर्ति आदि। बनावल ...Read More
Explanation : 13वीं शताब्दी के आरंभ में बिहार और बंगाल को मिलाकर एक स्वायत्त राज्य की स्थापना मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी ने की थी। बख्तियार खिलजी कुतुबुद्दीन ऐबक का सैन्य सिपहसालार था, उसने 1203 ई. बिहार को जीता था तथा इस अभियान के दौरान नालंद ...Read More
Explanation : आरंभिक तमिल साहित्य या संगम साहित्य का रचनाकाल 100 ई. से 250 ई. तक माना जाता है। इस साहित्य में तीन महत्त्वपूर्ण राज्य चोल, चेर, पांड्य का उल्लेख मिलता है। इस काल के प्रमुख साहित्य-तोल्कापियम (तोलकाप्पियर), मणिमेखले (सीतले सतनार) ...Read More
Explanation : बार-बार आनेवाली बाढ़ के कारण हड़प्पीय नगर मोहनजोदड़ो नष्ट हो गया था। हड़प्पा सभ्यता का विस्तार लगभग 13 लाख वर्ग किमी. था। इसका फैलाव भारतीय उपमहाद्वीप में उत्तर में जम्मू से लेकर दक्षिण में नर्मदा के मुहाने तक और पश्चिम में मकरान ...Read More