संविधान में संशोधन कितने प्रकार से किया जा सकता है?
July 21, 2020
(A) संसद के साधारण बहुमत द्वारा संशोधन
(B) संसद के विशेष बहुमत द्वारा संशोधन
(C) संसद के विशेष बहुमत द्वारा एवं आधे राज्य विधानमंडलों की संस्तुति के उपरांत संशोधन (D) उपयुक्त तीनों द्वारा
Explanation : संविधान में संशोधन तीन प्रकार से किया जा सकता है–संसद के साधारण बहुमत द्वारा संशोधन, संसद के विशेष बहुमत द्वारा संशोधन, संसद के विशेष बहुमत द्वारा एवं आधे राज्य विधानमंडलों की संस्तुति के उपरांत संशोधन। संविधान के भाग 20 के अनुच्छेद 368 में संसद को संविधान एवं इसकी व्यवस्था में संशोधन की शक्ति प्रदान की गई है। संसद अपनी संविधायी शक्ति का प्रयोग करते हुए इस संविधान के किसी उपबंध का परिवद्र्धन, परिवर्तन या निरसन के रूप में संशोधन कर सकती है, परंतु संसद संविधान के मूल ढाँचे की व्यवस्थाओं को संशोधित नहीं कर सकती है।
संविधान के संशोधन का आरंभ संसद के किसी भी सदन में विधेयक पुन: स्थापित करके किया जा सकेगा। विधेयक को किसी मंत्री अथवा गैर-सरकारी सदस्य द्वारा स्थापित किया जा सकता है और इसके लिए राष्ट्रपति की पूर्व स्वीकृति आवश्यक नहीं है।विधेयक को दोनों सदनों में सदन की कुल संख्या के बहुमत तथा उपस्थित एवं मतदान करने वाले सदस्यों के 2/3 बहुमत द्वारा पारित कराना आवश्यक है। यदि विधेयक संविधान के संघीय व्यवस्था के संशोधन के मुद्दे पर हो तो इसे आधे राज्यों के विधानमंडलों से भी सामान्य बहुमत से पारित होना चाहिए। राष्ट्रपति विधेयक पर अनुमति देने के लिए बाध्य होते हैं। वे न तो विधेयक को अपने पास रख सकते हैं और न ही संसद के पास पुनर्विचार के लिए भेज सकते हैं।....अगला सवाल पढ़े
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Web Title : Samvidhan Me Sanshodhan Kitne Prakar Se Kiya Ja Sakta Hai