(A) संविधान के कुछ लक्षण ऐसे अनिवार्य हैं कि उनका निराकरण नहीं किया जा सकता।
(B) मूल अधिकारों को न कम किया जा सकता है, न उनको छीना जा सकता है।
(C) संविधान का संशोधन केवल अनुच्छेद-368 में विहित प्रक्रिया से ही किया जा सकता है।
(D) संविधान की उद्देशिका का संशोधन नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह संविधान का भाग नहीं है, साथ ही वह संविधान की आत्मा को प्रतिबिम्बित करती है।