संवेग की उत्पत्ति मूल प्रवृत्तियों से होती है। संवेग का संबंध मानव जीवन के भावात्मक पहलू से है। कैण्टोविज के अनुसार — 'संवेग से तात्पर्य एक ऐसी आत्मनिष्ठ भाव की अवस्था से होता है। जिसमें कुछ शारीरिक उत्तेजना पैदा होती है और उस परिस्थितियों में कुछ महत्वपूर्ण व्यवहार होता है।' व्यवहार की उत्पत्ति मूल प्रवृत्तियों के कारण होता है। अब तक कुल 14 प्रकार के मूल प्रवृत्तियों को पहचाना जा चुका है — कुछ मूल प्रवृत्तियां निम्न है — जिज्ञासा, करुणा, वात्सल्य, क्रोध, भय, घृणा, भूख आदि।
शिक्षा मनोविज्ञान (Shiksha Manovigyan) दो शब्दों से मिलकर बना है, शिक्षा और मनोविज्ञान। इसलिए शिक्षा मनोविज्ञान संबंधी प्रश्न उत्तर का अध्ययन आपके लिए शिक्षक बनने का सपना साकार करता है। विशेषकर शिक्षक पात्रता परीक्षा, UPTET, CTET, UKTET, MPTET, CHTET, BTET, JTET, RTET, PTET, HTET जैसी परीक्षाओं में सफलता के लिए। बाल मनोविज्ञान, बाल विकास, बुद्धि लब्धि, शिक्षा शास्त्र पर आधारित प्रश्नों में अपडेट रहने के लिए इन प्रश्नों को समझकर उत्तर दें।
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