Explanation : सामाजिक स्तरीकरण का आधार वर्ण, जाति और शक्ति को माना जाता है। सामाजिक स्तरीकरण यानी गैर-बराबरी वह व्यवस्था है, जिसके अंतर्गत समाज के विभिन्न समूहों को क्रमशः उच्च से निम्न तक की स्थिति में रखा जाता है। इसे सामाजिक सोपान व्यवस्था या उच्चोधन व्यवस्था भी कहते हैं। स्तरीकरण समाज की विभिन्न प्रस्थितियों का क्रम विन्यास है। क्रम-विन्यास का आधार प्रस्थिति है, जो कि सामाजिक मूल्यों पर निर्भर करती है। अतः वह विभेदीकरण जिसका आधार क्रम-विन्यास है, स्तरीकरण कहलाता है। सामाजिक स्तरीकरण में उच्चतम से निम्नतम सामाजिक स्थिति वाले सभी समूहों का समावेश होता है। मानव समाज में ऐसा कोई युग नहीं मिलता जिसमें सभी लोगों की सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति एक समान रही हो।
सामाजिक स्तरीकरण किसी न किसी रूप में सभी समाजों में सार्वभौमिक रूप में देखा जा सकता है। ‘स्तरीकरण' शब्द समाज शास्त्र में भू–गर्भशास्त्र से लिया गया है। भू–गर्भशास्त्र में चट्टानों को विभिन्न स्तरों में बाँटा जाता है। समाज में भी इसी प्रकार अनेक सामाजिक परतें पाई जाती हैं। प्रत्येक समाज अपने सदस्यों को आय, संपत्ति, व्यवसाय, जाति, पद आदि आधारों पर उच्च व निम्न की श्रेणी में विभाजित करता है। यह प्रत्येक विभाजन एक परत के समान है और ये सभी परतें जब उच्चता और निम्नता के क्रम में रखी जाती हैं, तो इसे हम ‘सामाजिक स्तरीकरण' के नाम से समझते हैं। सामाजिक स्तरीकरण विभिन्न सामाजिक समूहों में न केवल सामाजिक स्थिति या पद को बल्कि सामाजिक अधिकार, शक्ति, सत्ता व अयोग्यताओं को भी विभाजित करने की एक सामाजिक व्यवस्था है।....अगला सवाल पढ़े
Explanation : जाति का प्रजातीय सिद्धांत हर्बट होप रिस्ली ने दिया। 4 जनवरी, 1851 को इंग्लैंड के बकिंघमशायर में पैदा हुए हर्बट एक अंग्रेजी नृवंश विज्ञानी और औपनिवेशिक प्रशासक थे, वह 1901 की जनगणना में ब्रिटिश भाररत के सारे हिंदू आबादी को जाति व् ...Read More
Explanation : भारत में बाल अपराधी की अधिकतम उम्र सीमा लड़कों के लिए 16 वर्ष और लड़कियों के लिए 18 वर्ष है। भारत में बाल न्याय अधिनियम 1986 (संशोधित) के अनुसार नाबालिग अपराधियों की उम्र सीमा 18 वर्ष से घटाकर 16 वर्ष कर दी गई है। सजा के मामले मे ...Read More
Explanation : एक निश्चित आयु के बालक द्वारा समाज में निषिद्ध अथवा कानून विरोधी कार्य करना बाल अपराध कहलाता है। बाल अपराध दो शब्दों का संयोग है-'बाल + अपराध'। ‘बाल' का अर्थ है-बालक या किशोर, 'अपराध' का अर्थ है, कानून का उल्लंघन। इस प्रकार बाल-अ ...Read More
Explanation : प्रघटनाशास्त्र का प्रणेता अल्बर्ट हर्सल को माना जाता है। फेनोमेनोलॉजी एक दर्शन, पद्धति, विधि एवं उपागम के रूप में एक नवीनतम समाजशास्त्रीय सिद्धांत है जिसका विकास दर्शनशास्त्र से हुआ फेनोमोलॉजी शब्द यूनानी भाषा के फैनीन (Phainein) ...Read More
Explanation : जनजाति के पिछड़े हिंदू जी.एस. घुरिए ने कहा है। उन्होंने महाराष्ट्र के ‘महादेव कोली' जनजाति का अध्ययन किया तथा 'द महादेव कोलीस' पुस्तक की रचना की। इनका कहना है, कि जनजातियां ‘पिछड़े हिंदू' (Back ward Hindus) ही हैं, अतः इन्हें समा ...Read More
Explanation : धर्मनिरपेक्षता का मतलब सभी धर्मों को समान सम्मान देना है। सामाजिक विचारकों ने धर्मनिरपेक्षीकरण शब्द का प्रयोग उस प्रक्रिया के लिए किया है, जहाँ धार्मिक संस्थान तथा धार्मिक विचारधाराओं तथा समझ का नियंत्रण सांसारिक मामलों और आर्थिक ...Read More
Explanation : भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में मौसमी और प्रच्छन्न बेरोजगारी पाई जाती है। प्रच्छन्न बेरोजगारी, अर्थात् छुपी हुई बेरोजगारी, यह वह स्थिति है, जब एक श्रमिक काम तो कर रहा होता है, लेकिन उसकी क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है। ऐसी स् ...Read More
Explanation : सामूहिक प्रतिनिधान की अवधारणा दुर्थीम ने दी थी। दुर्थीम ने कभी प्रत्यक्ष रूप से स्व: के विकास के लिए समाजीकरण की चर्चा नहीं की, लेकिन अपनी पुस्तक सोशियो लॉजी एंड फिलोसॉफी (Sociology and Philosophy) में व्यक्ति में व्यक्तित्व विका ...Read More
Explanation : 'नगरीकरण एक प्रक्रिया है और नगरवाद एक परिस्थिति है', बर्गेल ने कहा था। जनसंख्या का ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों में जाना ‘नगरीकरण' कहलाता है। इसके परिणामस्वरूप जनसंख्या का बढ़ता हुआ भाग ग्रामीण स्थानों में रहने की बजाय शह ...Read More
Explanation : 'समाजशास्त्र का अतीत बहुत लंबा है, किंतु इसका इतिहास संक्षिप्त है', यह कथन राबर्ट बीयरस्टीड का है। समाजशास्त्र के ऐतिहासिक विकास के अध्ययन से संबंधित है। समाजशास्त्र सामाजिक संस्थाओं के रूप में जीवन के विभिन्न चरण, परंपरा, रीति-र ...Read More
Web Title : Samajik Starikaran Ka Aadhar Kise Mana Jata Hai