साझे की हांडी चौराहे पर फूटती है का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) सुधार के बजाय बिगाड़ होता गया
(B) मजबूरी में आदमी सब कुछ करता है
(C) साझे का काम फजीहत का काम
(D) दु:खी को और दु:खी करना बहादुरी नहीं है

Answer : साझे का काम फजीहत का काम

Explanation : साझे की हांडी चौराहे पर फूटती है का अर्थ saje ki handi chaurahe par futati hai है 'साझे का काम फजीहत का काम।' हिंदी लोकोक्ति साझे की हांडी चौराहे पर फूटती है का वाक्य में प्रयोग होगा – रमेश का अरुण के साथ मिलकर दुकान चलाना सम्भव नहीं है, क्योंकि साझे की हांडी चौराहे पर फूटती है।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'साझे की हांडी चौराहे पर फूटती है' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Saje Ki Handi Chaurahe Par Futati Hai