सइयां भए कोतवाल अब डर काहे का का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) संताने सभी एक सी नहीं होती
(B) अधिकारी संबंधी होने पर उसके पद का अनुचित लाभ लेना
(C) जहां धन हो वहां और धन आता है
(D) धन दौलत का कोई भरोसा नहीं

Answer : अधिकारी संबंधी होने पर उसके पद का अनुचित लाभ लेना

Explanation : सइयां भए कोतवाल अब डर काहे का का अर्थ saiya bhai kotwal ab dar kahe है 'अधिकारी संबंधी होने पर उसके पद का अनुचित लाभ लेना।' हिंदी लोकोक्ति सइयां भए कोतवाल अब डर काहे का का वाक्य में प्रयोग होगा – मेरे पड़ोसी के एक संबंधी पुलिस अधीक्षक हैं जो स्थानान्तरित होकर हम लोगों के शहर में आये हैं, जिसके पश्चात पड़ोसी का रवैया सइयां भए कोतवाल अब डर काहे का हो गया है।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'सइयां भए कोतवाल अब डर काहे का' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Saiya Bhai Kotwal Ab Dar Kahe