श्री श्री रविशंकर का जन्म 13 मई 1956 को तमिलनाडु में हुआ था। पेशे से वह आध्यात्मिक नेता एवं मानवतावादी धर्मगुरु हैं। उनकी संस्था का नाम आर्ट ऑफ लिविंग है। जिसकी स्थापना उन्होंने 1981 में की थी। उनकी संस्था लोगों को सामाजिक समर्थन प्रदान करती है। केवल चार साल की उम्र में रविशंकर श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों का पाठ किया करते थे। बचपन से ही उन्होंने ध्यान करना शुरू कर दिया था। वह वेद विज्ञान विद्यापीठ, श्री श्री सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज, श्री श्री कालेज और आयुर्वेदिक साइंस एंड रिसर्च, श्री श्री मोबाइ ...read more
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 153 (क) के अनुसार,
धर्म, मूलवंश, जन्मस्थान, निवास स्थान, भाषा, इत्यादि के आधारों पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता का सम्प्रवर्तन और सौहार्द बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कार्य करना – (1) जो कोई –
(क) बोले गए या लिखे गए शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा या दृश्यरूपणों द्वारा या अन्यथा विभिन्न धार्मिक, मूलवंशीय या भाषायी या प्रादेशिक समूहों, जातियों या समुदायों के बीच असौहार्द अथवा शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएँ, धर्म, मूलवंश, जन्म–स्थान, निवास–स्थान, भ ...read more
यूरोपीय संघ के गठन के कारण : द्वितीय विश्व युद्ध की तबाही के बाद यूरोप के देशों ने स्वीकार किया कि उनके मध्य आर्थिक सहयोग उनके राजनीतिक संघर्षों को कम कर सकता है। यूरोप में आर्थिक एकीकरण व सहयोग की प्रक्रिया का आरम्भ इस मान्यता पर आधारित है। इस दिशा में सबसे पहला प्रयास 1950 में किया गया। वर्ष 1950 में यूरोप के 6 देशों द्वारा यूरोपीय कोयला व स्टील समुदाय (European Coal and Steel Community) की स्थापना करके किया गया। यह 6 देश थे-बेल्जियम, इटली, फ्रांस, पश्चिमी जर्मनी, लक्जेमबर्ग तथा नीदरलैंड. यूरो ...read more
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 52 के अनुसार,
'सद्भावपूर्वक' – कोई बात 'सद्भावपूर्वक' की गई या विश्वास की गई नहीं कही जाती जो सम्यक् सतर्कता और ध्यान के बिना की गई या विश्वास की गई हो।