ऋग्वैदिक (Rigvedic) धर्म था?

(A) बहुदेववादी
(B) एकेश्वरवादी
(C) अद्वैतवादी
(D) निवृत्तमार्गी

Question Asked : [UPPCS (Pre) Ist GS 2014]

Answer : बहुदेववादी

ऋग्वेदिक धर्म बहुदेववादी था। वैदिक धर्म प्रवृत्तिमार्गी था। देवताओं की तीन श्रेणियां थीं - पृथ्वीवासी देवता, आकाशवासी देवता और अंतरिक्ष के देवता। इनमें सबसे प्रमुख देवता इंद्र थे। दूसरा स्थान अग्नि का था। ऋग्वेदिक आर्य नितांत प्रवृत्तिमार्गी थे, उनके जीवन में संन्यास और गृह त्याग का स्थान नहीं था। वे गृहस्थ आश्रम में ही देवोपसाना के द्वारा लौकिक कल्याण की चेष्टा करते थे। ऋग्वेद में अमरता का उल्लेख मिलता है, कितु मोक्ष का नहीं। ऋग्वेद में देवपूजा के साथ-साथ पितृपूजा की स्थापना की गई है। यज्ञ के लिए विभिन्न श्रेणियों के पुरोहित थे, इनमें होता मंत्रपाठ करता था, अध्वर्यु जो पूजा से संबंधित हाथ बटाता था, उद्गाता जो सामवेद का गान करता था।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी प्राचीन काल भारत मध्यकालीन भारत
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Web Title : Rigvedic Dharm Tha