Explanation : कवि रामनरेश त्रिपाठी का जन्म 4 मार्च 1889 को उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुआ था। द्विवेदी युग व छायावाद युग की कड़ी रहे पंडित रामनरेश त्रिपाठी ने 'प्रभो..आनंददाता ज्ञान हमको दीजिए' जैसे प्रेरणादायी गीत लिखे। 1920 में हिंदी के प्रथम एवं सवरेत्कृष्ट राष्ट्रीय खंडकाव्य पथिक की रचना मात्र 21 दिन में की। प्रसिद्ध मौलिक खंडकाव्यों में मिलन और स्वप्न शामिल हैं। 1925 में इनका हिंदी, उर्दू, संस्कृत और बांग्ला की लोकप्रिय कविताओं का संकलन कविता कौमुदी के नाम से प्रकाशित हुआ। रामनरेश, द्विवेदी युग और छायावाद युग की महत्वपूर्ण कड़ी माने जाने लगे। 16 जनवरी, 1962 को उनका प्रयागराज में निधन हुआ।
रामनरेश त्रिपाठी की प्रमुख रचनाएं-
काव्य-कृतियां : मिलन (1918), पथिक (1920), मानसी (1927), स्वप्न (1929) आदि।
मुक्तक : आर्य संगीत शतक, कविता-विनोद, क्या होम रूल लोगे, मानसी, मारवाड़ी मनोरंजन, मुक्तक आदि।
प्रबंध (काव्य) : मिलन, पथिक, स्वप्न, आदि।
कहानी : तरकस, आखों देखी कहानियां, के साथ स्वपनों के चित्र, नखशिख, उन बच्चों का क्या हुआ आदि।
उपन्यास : मारवाड़ी और पिशाचनी, सुभद्रा वीरांगना, वीरबाला, और लक्ष्मी, आदि।
नाटक : वफ़ाती चाचा, अजनबी, के आलावा पैसा परमेश्वर, बा और बापू, कन्या का तपोवन, जयंत, प्रेमलोक, आदि।
व्यंग्य : दिमाग़ी ऐयाशी, स्वप्नों के चित्र आदि।
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