राजर्षि का संधि-विच्छेद क्या है?

(A) राज + ऋषि
(B) राज + र्षि
(C) राज + श्री
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer : राज + ऋषि

Explanation : 'राजर्षि' का संधि-विच्छेद राज + ऋषिहोगा। इसमें गुण संधि (Gun Sandhi) है। गुण संधि की परिभाषा अनुसार यदि प्रथम शब्द के अंत में ह्सव अथवा दीर्घ अ हो और दूसरे शब्द के आदि में ह्स्व अथवा दीर्घ इ उ ऋ में से कोई वर्ण हो तो अ या आ के बाद इ या ई हो तो दोनों मिलकर ए, उ या ऊ रहे तो दोनों मिलकर ओ, तथा ऋ रहे तो दोनों मिलकर अर् हो जाते हैं। यह गुण संधि कहलाती है जैसे– वीर+इन्द्र = वीरेन्द्र, स्व+इच्छा = स्वेच्छा, अंत्य+इष्टि = अंत्येष्टि, यथा+इष्ट = यथेष्ट, सुधा+इन्दु = सुधेन्दु, सोम+ईश = सोमेश, महा+ईश = महेश, महा+उत्सव = महोत्सव, महा+उदधि = महोदधि, गंगा+उदक = गंगोदक, यथा+उचित = यथोचित, कथा+उपकथन = कथोपकथन आदि। संधि विग्रह यानि संधि विच्छेद के अधिकतर सवाल लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे–संघ एवं राज्य लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, सब–इंस्पेक्टर्स, रेलवे भर्ती, समूह 'ग', टीईटी, बी.एड, वन विभाग भर्ती आदि में पूछे जाते है।
Tags : संधि विक्षेद संधि विग्रह संधि विच्छेद
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Rajshri Ka Sandhi Vichchhed