Explanation : राजस्थान में सबसे ज्यादा दूध देने वाली जखराना बकरी (Jakhrana Goat) है। यह नस्ल अलवर जिले के जखराना गांव की है। इसलिए इसका नाम जखराना पड़ा था। यह रोजाना 2.50 से 3 किलो दूध देने वाली बकरियों की यह एक मात्र नस्ल है। जखराना बकरी की नस्ल मुख्यतया पूर्वी राजस्थान, उत्तरी-पश्चिमी शुष्क अर्द्ध शुष्क जलवायु क्षेत्र में पाई जाती है। बकरी की यह नस्ल अलवर सहित हरियाणा क्षेत्र में पाई जाती है। बकरियों में यह बड़े आकार की नस्ल है। इस नस्ल की बकरियों का मुंह पतला उभरा हुआ सिर होता है। इसकी त्वचा का रंग काला होता है, लेकिन कानों मुंह पर सफेद धब्बे होते है। इसके शरीर की लंबाई 78 सेमी और बकरे के शरीर की लंबाई 84 सेमी होती है इस नस्ल में नर बकरी का वजन 58 किलो और मादा बकरी का वजन 45 किलो होता है।
जखराना बकरी की विशेषताएं
– इससे दूध और मांस दोनों उत्पादन किया जा सकता है।
– इसके दूध में प्रोटीन और वसा की की पर्याप्त मात्रा होती है जो बीमारियों से लड़ने के काम आता है।
– जखराना बकरी का वजन 45 किलो और बकरे का वजन 58 किलो होता है।
– इसके शरीर की लंबाई 78 सेमी और बकरे की लंबाई 84 सेमी होती है और मादा तथा नर दोनों में सींग होते हैं।
– जखराना नस्ल की बकरी पहली बार 18 महीने में बच्चे को जन्म देती है।
– मादा एक बार में एक बच्चे को जन्म देती है और कभी-कभी जुड़वा बच्चे को भी जन्म देती है।
– इस नस्ल की बकरी 1 दिन में 2.5 से 3 किलो तक दूध देती है।
– इस नस्ल की बकरी एक ब्यांत में 152 लीटर तक दूध देती है और दूध देने की अवधि 180 से 200 दिन तक होती है।....अगला सवाल पढ़े
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
Explanation : राजस्थान में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल तीन हैं–केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, जंतर मंतर और राजस्थान के पहाड़ी किले। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान या केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान भरतपुर स्थित एक विख्यात पक्षी अभयारण्य है। इसे पहले भरतपुर ...Read More
Explanation : राजस्थान के वर्तमान उपमुख्यमंत्री कोई नहीं है। वर्तमान की गहलोत सरकार में सचिन पायलट (Sachin Pilot) उपमुख्यमंत्री थे, जिन्होंने 17 दिसम्बर, 2018 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ही पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। लेकिन ज ...Read More
Explanation : राजस्थान में गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक जिला गंगानगर है। इसके बाद गन्ना उत्पादन में चितौड़गढ़ और बूंदी प्रमुख जिलें है। राजस्थान स्टेट गंगानगर शुगर मिल्स लिमिटेड प्रदेश की प्रमुख चीनी उत्पादन इकाइयों में से एक है तथा जिले के श्री ...Read More
Explanation : केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान बीकानेर, राजस्थान में स्थित है। यह बीकानेर शहर से 10 किमी दूर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 15 (बीकानेर-श्रीगंगानगर रोड) पर बीछवाल में स्थित है। इसकी स्थापना वर्ष 1993 में की गई थी। केंद्रीय शुष्क बागवा ...Read More
Explanation : राजस्थान में स्थानांतरित कृषि को वालरा कहते हैं। यह आदिवासियों द्वारा पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक वनस्पति को काटकर भूमि की साफ-सफाई कर खेती करने का प्रकार है। जो 3-4 वर्ष बाद एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होता रहता है ...Read More
Explanation : राजस्थान में पांच कृषि विश्वविद्यालय हैं-स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय (SKRAU) बीकानेर, महाराणा प्रताप कृषि व तकनीकी विश्वविद्यालय (MPUAT) उदयपुर, श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय (SKNAU) जयपुर, कृषि विश्वविद्या ...Read More
Explanation : राजस्थान में सबसे ज्यादा जीरा जोधपुर जिले में होता है। राजस्थान में जीरा के सर्वाधिक क्षेत्र और उत्पादन वाले जिले जोधपुर, बाड़मेर और जालौर है। इसके अलावा सांचोर, जैसलमेर, नागौर, पाली आदि जिले प्रमुख है। जीरे के उत्पादन की दृष्टि ...Read More
Explanation : होहोबा (जोजोबा) एक तिलहन फसल है। इसका वैज्ञानिक नाम Simmondesia Chinensis है। इसका उत्पत्ति स्थान मैक्सिको, कैलिफोर्निया एवं एरिजोना (USA) का सोनारन रेगिस्तान है। भारत में यह इजरायल से लाया गया है। यह पौधा 30 सेमी. वार्षिक वर्षा ...Read More
Explanation : ईसबगोल (Isabgol) की भूसी बीजों से प्राप्त होती है। दरअसल ईसबगोल के बीज पर पाएं जाने वाला यह एक छिलका है जिसे ईसबगोल की भूसी के नाम से जाना जाता हैं। इसकी उत्पति का स्थान मिस्र तथा ईरान है। संस्कृत में इसे 'स्निग्धबीजम्' कहा जाता ...Read More
Explanation : राजस्थान में इसबगोल का सर्वाधिक उत्पादन जालौर जिले में होता है। ईसबगोल एवं सोनामुखी के उत्पादन में हमारा देश संपूर्ण विश्व में प्रथम स्थान पर है। भारत का सर्वाधिक ईसबगोल राजस्थान में उत्पादित होता है। विश्व में ईसबगोल उत्पादन का ...Read More
Web Title : Rajasthan Mein Sabse Jyada Doodh Dene Wali Bakari Kaunsi Hai