राजस्थान में बहुत कम वर्षा होने का कारण क्या है?

(A) यहां बहुत गर्मी होती है
(B) यहां जल उपलब्ध नहीं है और इस प्रकार हवाएं शुष्क रहती हैं
(C) हवाएं किसी प्रकार की बाधाओं को पार नहीं करती हैं, जिसके कारण ठंडा होने के लिए आवश्यक ऊंचाई प्राप्त नहीं होती है
(D) इस क्षेत्र में मॉनसून पहुंचने में असफल रहता है

Answer : हवाएं किसी प्रकार की बाधाओं को पार नहीं करती हैं, जिसके कारण ठंडा होने के लिए आवश्यक ऊंचाई प्राप्त नहीं होती है

Explanation : राजस्थान में बहुत कम वर्षा होती है, क्योंकि हवाएं किसी प्रकार की बाधाओं को पार नहीं करती हैं, जिसके कारण वातावरण ठंडा होने के लिए आवश्यक ऊंचाई प्राप्त नहीं होती है। राजस्थान शुष्क व अर्द्धशुष्क जलवायु क्षेत्र हैं प्रदेश में वर्षा का औसत बहुत कम हैं राज्य के पश्चिमी के बड़े भाग पर 250 मिलीमीटर से कम वर्षा होती है। पूर्वी व मध्य राजस्थान के विस्तृत क्षेत्र पर 500 से 600 मिलीमीटर तक ही वर्षा होती हैं यही कारण है कि राजस्थान में भारत में गिरने वाली कुल वर्षा का केवल 1 प्रतिशत भाग गिरता है जबकि राज्य का क्षेत्रफल देश के क्षेत्रफल का 10.5 प्रतिशत है। प्रदेश में अनिश्चित व अनियमित वर्षा के कारण अकाल पड़ते रहते हैं। अतः यहाँ बारहमासी (वर्ष भर बहने वाली) नदियों की कमी है। राज्य में चंबल ही ऐसी नदी है जो वर्ष पर्यन्त बहती है। राजस्थान के पश्चिमी भाग में भूमि की सतह के ऊपर स्थित जलस्रोतों नदी, तालाब आदि की कमी है। राजस्थान में 2012-13 में विभिन्न स्रोतों से सिंचित क्षेत्र 94.6 लाख हैक्टेयर है। बता दे कि राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान माउंट आबू है और सर्वाधिक वर्षा वाला जिला झालावाड़ है, जबकि न्यूनतम वर्षा वाला जिला जैसलमेर है।
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Web Title : Rajasthan Mein Bahut Kam Varsha Hone Ka Karan Kya Hai