(A) अधिकांश भूमि साहूकारों, व्यापारियों और किसानों के हाथों में चली गई थी, जिस पर सामान्यतः पट्टेदारों की सेवाओं का उपयोग था।
(B) भूमिहीन श्रमिक भू-स्वामी बन गए थे।
(C) इससे पट्टेदारों को उच्च मूल्यों पर भूमि पटटे की पद्धति पर रोक लग गई थी।
(D) जमींदारी पूरी तरह से विनष्ट हो गई थी।