पूर्व किसके धार्मिंक ग्रंथ हैं?

(A) जैनों के
(B) बौद्धों के
(C) सतनामियो के
(D) कबीरपंथियों के

Question Asked : [MPPSC (Pre) Opt. History 1994]

Answer : जैनों के

प्राचीनतम जैन ग्रंथों को पूर्व कहा जाता है। पाटलिपुत्र की प्रथम जैन सभा के पूर्व जैन धर्मावलम्बियों के धर्मग्रंथ 14 पूर्वों में विभक्त थे। प्रथम जैन सभा जिसका आयोजन पाटलिपुत्र में​ किया गया था तथा जिसकी अध्यक्षता स्थूलभद्र ने की थी के कार्यकाल में 14 पूर्वों का स्थान 12 अंगों ने ले लिया था। संभूत विजय तथा भद्रबाहु 14 पूव्वों के जानने वाले अंतिम व्यक्ति थे। जैन साहित्य को आगम कहा जाता है। इसके अंतर्गत 12 अंग, 12 उपांग, 10 प्रकीर्ण, 6 छेद सूत्र, अनुयोग सूत्र तथा नन्दिसूत्र की गणना की जाती है।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी प्राचीन काल भारत मध्यकालीन भारत
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Web Title : Purv Kiske Dharmik Granth Hain