पुराणों की कुल संख्या है?

(A) 12 संख्या
(B) 16 संख्या
(C) 18 संख्या
(D) 20 संख्या

Question Asked : [UPPCS (Pre) GS 2009 ]

Answer : 18 संख्या

अमरकोश आदि प्राचीन कोशों में पुराणों के पांच लक्षण माने गए हैं — सर्ग (सृष्टि), प्रतिसर्ग (प्रलय, पुनर्जन्म), वंश (देवता व ऋषि सूची), मन्वन्तर (चौदह मनु के काल) और वंशानुचरित (सूर्य चंद्रादि वंशीय चरित)। सर्ग में पंचमहाभूत, इंद्रियगण, बुद्धि आदि तत्वों की उत्पत्ति का वर्णन है। प्रतिसर्ग में संपूर्ण चराचर जगत के निर्माण का वर्णन है। वंश में सूर्य चंद्र आदि वंशों का वर्णन है। मन्वन्तर में मनु, मनुपुत्र देव, सप्तर्षि, इंद्र और भगवानदि के अवतारों का वर्णन है। वंशानुचरित में प्रतिवंश के प्रसिद्ध पुरुषों का वर्णन है। पुराणों की कुल संख्या 18 है और इनके रचयिता वेदव्यास माने जाते हैं।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी प्राचीन काल भारत मध्यकालीन भारत
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Web Title : Purano Ki Kul Sankhya Hai