प्रथम कर्नाटक युद्ध का तात्कालिक कारण क्या था?

(A) कर्नाटक के नवाब अनबरुद्दीन ने इस युद्ध में अंग्रेजों की ओर से दखलंदाजी की।
(B) युद्ध के उपरांत फ्रांसीसियों द्वारा मद्रास अंग्रेजों को वापस कर दिया गया।
(C) आस्ट्रिया के उत्तराधिकार युद्ध का विस्तार।
(D) उपयुक्त सभी

Answer : उपयुक्त सभी

Explanation : कर्नाटक का प्रथम युद्ध (1746-48 ई.) आस्ट्रिया के उत्तराधिकार युद्ध का विस्तार मात्र ही था। यह युद्ध सेंट टोमे के युद्ध के लिए स्मरणीय है। यह युद्ध फ्रांसीसी सेना तथा कर्नाटक के नवाब अनवरुद्दीन के नेतृत्व में भारतीय सेना के बीच लड़ा गया। कैप्टन पैराडाइज के नेतृत्व में एक छोटी सी फ्रांसीसी सेना (230 फ्रांसीसी तथा 700 भारतीय सैनिक) ने महफूज खाँ के नेतृत्व में 10,000 भारतीय सेना को अड्यार नदी पर स्थित सेंट टोमे नामक स्थान पर पराजित किया। चंदा साहब की हत्या धोखे से तंजौर के राजा ने कर दी थी, यह द्वितीय कर्नाटक युद्ध के (1749-54) के दौरान की घटना है। यूरोप में युद्ध बंद होते ही कर्नाटक का प्रथम युद्ध समाप्त हो गया। एक्स-ला-शैपेल की संधि (1748) से आस्ट्रिया के उत्तराधिकार का युद्ध समाप्त हो गया तथा मद्रास अंग्रेजों को पुनः प्राप्त हो गया।
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Web Title : Pratham Karnataka Yudh Ka Tatkalik Karan Kya Tha