प्राचीन भारत में कारीगरों की संस्था क्या कहलाती थी?

(A) विषय
(B) श्रेणी
(C) समिति
(D) संघ

Question Asked : [MPPSC (Pre) Opt. History 1994]

Answer : श्रेणी

जब उद्योगों और व्यापार में लगे व्यक्ति संगठित होकर अपने हितों की रक्षा करने के लिए एक संस्था बनाते हैं तो श्रेणी का जन्म होता था अर्थात् संगठित व्यापारिक एवं औद्योगिक समूह को श्रेणी कहा जाता था। जातक में कहा गया है कि एक ही कार्य करने वाले लोगों का समूह श्रेणी है। मंदसौर अभिलेख से पता चलता है कि रेशम बुनकरों की एक श्रेणी ने 437-38 ई. में भव्य सूर्य मंदिर का निर्माण करवाया। ये श्रेणियां बैंकों का भी कार्य करती थी। इंदौर ताम्रपत्र से पता चलता हैै कि इंद्रपुर के तेलियों की श्रेणी के पास देव विष्णु नामक ब्राह्मण ने पूंजी जमा कराई ताकि सूर्य मंदिर के दीपक की स्थायी रूप से देखरेख की जा सके।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी प्राचीन काल भारत मध्यकालीन भारत
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Web Title : Prachin Bharat Mein Karigar Ki Sanstha Kya Khilati Thi