प्लेग (Plague) एक छुआ-छूत की बीमारी है जो बैसिलस पेस्टिस (Bacillus pestis) नामक जीवाणु द्वारा फैलती है। इसका संक्रमण चूहों पर पाये जाने वाले पिस्सुओं से होता है, क्योंकि पिस्सुओं (Fleas) के शरीर में प्लेग का बैक्टीरिया रहता है। जेनोप्सला केओपिस (Xanopsylla cheopis) प्लेग का सबसे भयानक पिस्सू है क्योंकि यह आसानी से चूहे से मानव तक पहुँच जाता है। प्लेग तीन प्रकार के होते हैं–
(a) गिल्टी वाले प्लेग में रोगी की जांघ, कांख तथा गर्दन की ग्रन्थियों में सृजन हो जाता है।
(b) न्यूमोनिक प्लेग रोगी की खांसी, छींक और थूक के माध्यम से फैलता है।
(c) सेप्टीसिमिक प्लेग में जीवाणु गिल्टियों से रक्त में प्रवेश कर जाते हैं। यह बहुत घातक साबित होता है।
प्लेग का उपचार – सल्फाड्रग्स् एवं स्ट्रप्टोमाइसीन दवाओं का उपयोग इस रोग के उपचार के लिए किया जाता है। इसकी रोकथाम के लिए सर्वप्रथम चूहों को निवास स्थान से दूर रखने का प्रयास रखना चाहिए।