पित्राज्ञा में कौन सी संधि है?

(A) यण् संधि
(B) विसर्ग संधि
(C) व्यंजन संधि
(D) दीर्घ संधि

Question Asked : BPSC 2008

Answer : यण् संधि

Explanation : पित्राज्ञा शब्द में यण् संधि है। पित्राज्ञा का शुद्ध संधि विच्छेद है= पितृ + आज्ञा। यण् संधि (Yan Sandhi) की परिभाषा अनुसार जब कुछ स्वर आपस में संधि करने पर किसी स्वर में बदलने के बजाय य् र् व् में बदल जाते हैं। ऐसी संधियों को य् के नाम पर यण् संधि कहा गया है, वस्तुत: 'य्' का उच्चारण स्थान एवं प्रयत्य 'इ' 'ई' तथा 'व्' का उच्चारण स्थान एवं उच्चारण प्रयत्न 'उ' 'ऊ' के बहुत निकट है। इसी प्रकार 'ऋ' और 'र्' में बहुत समीपता है। इसलिए जब 'इ' 'ई' 'उ' 'ऊ' 'ऋ' के आगे कोई स्वर आता है, तो क्रमश: 'य', 'व', 'र', 'र', में परिवर्तन हो जाते हैं। इस परिवर्तन को यण् संधि कहते हैं; यण् संधि के उदाहरण जैसे—
इ+अ = य्–यदि + अपि = यद्यपि और उ+अ = व्–अनु + अय = अन्वय
Tags : यण् संधि संधि विक्षेद संधि विच्छेद
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Pitragya Me Kaun Si Sandhi Hai