पौधों में गूटी लगाने का कार्य क्यों किया जाता है?

(A) कीटों के नियंत्रण हेतु
(B) वानस्पतिक प्रसारण के लिए
(C) बीजों के अंकुरण हेतु
(D) खरपतवार के नियंत्रण हेतु

Answer : वानस्पतिक प्रसारण के लिए

Explanation : पौधों में गूटी लगाना एक कृत्रिम कायिक प्रवर्धन तकनीक है जो वानस्पतिक प्रसारण के लिए प्रयुक्त की जाती है। यह तकनीक प्रायः पुराने वृक्षों द्वारा कायिक प्रवर्धन हेतु प्रयोग की जाती है, क्योंकि उनकी शाखाएं मोटी होती हैं और उन्हें आसानी से मोड़ा नहीं जा सकता है। ऐसे वृक्षों में वायवीय दाब लगाने हेतु शाखा के एक भाग से छाल का वलय हटा देते हैं, इसे वलयन (Girdling) कहते है। इस वलयित भाग को आवश्यक तत्व युक्त मृदा एवं मॉस या रूई से लपेटकर नमी प्रदान की जाती है। मॉस या मृदा या रुई में नमी को बनाए रखने एवं इसे सूक्ष्मजीवों से। सुरक्षित रखने हेतु उस पर पॉलीथिन बाँध दी जाती है। इस प्रक्रिया को गूटी बाँधना कहते हैं। कुछ समय पश्चात् इस नम भाग पर जड़े निकल आती हैं। अब इस अद्भुत शाखा को जनक पादप से पृथक कर मिट्टी में रोप दिया जाता है, जिससे नया पादप प्राप्त होता है।
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Web Title : Paudhon Mein Guti Lagane Ka Karya Kyon Kiya Jata Hai