(A) ऋण अनुबंध-पत्रों की कोई कानूनी वैधता नहीं होगी।
(B) साहूकार और रैयत (किसानों) के मध्य हस्ताक्षरित ऋण अनुबंध-पत्रों की वैधता केवल तीन वर्ष के लिए होगी।
(C) भूमि अनुबंध-पत्र साहूकारों द्वारा निष्पादित नहीं किए जा सकेंगे।
(D) ऋण अनुबंध-पत्रों की वैधता दस वर्षों के लिए होगी।