Explanation : पाकड़ का पेड़ मानव शरीर के साथ पर्यावरण के लिए औषधि का काम करता है। पाकड़ का पेड़ का वानस्पतिक नाम फाइकस वाइरेंस है। सैकड़ों साल तक जीवित रहने और किसी भी परिस्थिति में पनपने की क्षमता, सबसे कम पतझड़ काल, सर्वाधिक पत्तियों के कारण पाकड़ बढ़ती उम्र के साथ आक्सीजन उत्सर्जन बढ़ाता है। पाकड़ का पेड़ कई कामों में लाभकारी होता है, जैसे–
● श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) और रक्त प्रदर में पाकड़ की छाल का काढ़ा लाभप्रद होता है। रक्त प्रदर में छाल का चूर्ण भी प्रयोग कर सकते हैं।
● नासूर के लिए पाकड़ रामबाण औषधि है। पाकड़ की छाल का काढ़ा पीना लाभप्रद होता है।
● छाल के काढ़े का कुल्ला दांत दर्द और मुंह की बदबू से निजात दिलाता है। छाल का चूर्ण भी लाभप्रद होता है।
● छाल के सेवन से रक्त पित्त दोष व वायु दोष से भी निजात मिलती है। इसका फल भी वायु दोष से मुक्ति दिलाता है।
● चोट लगने या कटने पर छाल का चूर्ण डालने से रक्त स्नाव बंद हो जाता है।
● पाकड़ की छाल घी में पीसकर लगाने से त्वचा की जलन शांत होती है, त्वचा संबंधी रोग दूर होते हैं।
● छाल को पानी में उबालकर उस पानी से नहाने से पसीने की बदबू धीरे-धीरे खत्म होने लगती है।
● छाल का काढ़ा हड्डियां मजबूत करता है।
● पत्तियां मधुमेह नियंत्रित रखने के काम आती हैं।
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