Explanation : पद्मिनी एकादशी 2023 में 29 जुलाई दिन शनिवार को है। अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को 'पद्मिनी एकादशी व्रत किया जाता है। इस व्रत को कमला या पुरुषोत्तमी एकादशी भी कहते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, पदिमनी एकादशी का व्रत अधिक मास पर निर्भर करता है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान विष्णु को पद्मिनी एकादशी बहुत प्रिय है। इसलिए इस व्रत का पालन करने वाला विष्णुलोक को जाता है तथा सभी प्रकार के यज्ञों, व्रतों और तपस्या का फल प्राप्त करता है। व्रत कथा के अनुसार, त्रेता युग में एक पराक्रमी राजा कीतवीर्य था। उसकी कई रानियां थीं, परंतु किसी से भी राजा को पुत्र की प्राप्ति नहीं हुई। संतान प्राप्ति की कामना से राजा अपनी रानियों के साथ तपस्या करने चल पड़े। हजारों वर्ष तक तपस्या करते हुए राजा के शरीर में सिर्फ हड्डियां ही शेष रह गई, परंतु उनकी तपस्या सफल नहीं हुई।
रानियों ने तब देवी अनुसूया से उपाय पूछा। देवी अनुसूया ने उन्हें मलमास में शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत करने को कहा। रानी ने देवी अनुसूया के बताए विधान के अनुसार, पद्मिनी एकादशी का व्रत रखा। व्रत की समाप्ति पर भगवान प्रकट हुए और वरदान मांगने को कहा। रानी ने भगवान से कहा कि मेरे बदले मेरे पति को वरदान दीजिए। तब राजा ने भगवान से प्रार्थना की कि आप मझे ऐसा पत्र दें, जो तीनों लोकों में आदरणीय हो और आपके अतिरिक्त किसी से पराजित न हो। कुछ समय बाद रानी ने एक पुत्र को जन्म दिया, जो कार्तवीर्य अर्जुन के नाम से जाना गया। कालांतर में यह बालक अत्यंत पराक्रमी राजा बना, जिसने रावण को भी बंदी बना लिया था। कहते हैं कि श्रीकृष्ण ने अर्जुन को पुरुषोत्तमी एकादशी के व्रत की कथा सुनाकर इसके माहात्म्य से अवगत करवाया था।
पद्मिनी एकादशी जुलाई 29, 2023, शनिवार
पद्मिनी एकादशी मई 27, 2026, बुधवार
पद्मिनी एकादशी मार्च 26, 2029, सोमवार
पद्मिनी एकादशी अगस्त 28, 2031, गुरुवार
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