पद्म पुरस्कार (Padma Awards) ‘भारत रत्न’ के बाद दूसरा बड़ा सम्मान है। पद्म पुरस्कार 2 जनवरी, 1954 को प्रकाशित अधिसूचना द्वारा प्रारंभ किए गए थे। इसे भी भारत रत्न के साथ वर्ष 1977 में बंद कर दिया गया था तथा वर्ष 1980 में फिर से शुरु किया गया। इस तरह यह पुरस्कार वर्ष 1978, 1979 तथा 1993 से 1997 के अंतराल को छोड़कर प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर घोषित किए गए हैं। ये पुरस्कार राष्ट्रपति भवन में आयोजित पुरस्कार समारोह में भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किए जाते हैं।
ये पुरस्कार मरणोपरांत प्रदन किए जा सकते हैं। पद्म पुरस्कार समिति का गठन प्रतिवर्ष प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है। इस समिति द्वारा की गई सिफारिशों प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के अनुमोदनार्थ प्रस्तुत की जाती है। पद्म पुरस्कार तीन प्रकार के होते हैं —
पद्म विभूषण – पद्म विभूषण सम्मान ‘भारत रत्न’ के बाद दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। सरकारी कर्मचारियों द्वारा की गई सेवाओं सहित किसी भी क्षेत्र में विशेष तथा उल्लेखनीय कार्य के लिए दिये जाने वाला पद्म विभूषण पुरस्कार की शुरुआत 2 जनवरी, 1954 को हुई थी। प्रथम बार पद्म विभूषण सत्येन्द्रनाथ बोस, नन्दलाल बोस, जाकिर हुसैन, वी के कृष्णमेनन, बाल गंगाधर खेर एवं जिगमे दोरजी वांगचुक को दिया गया था।
पद्म भूषण – किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने के लिए दिये जाने वाला पद्म भूषण तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। इस पुरस्कार की शुरुआत 2 जनवरी, 1954 को हुई थी। शिवम सेट्टी मनोहर इस सम्मान को प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे। शांतिस्वरूप भटनागर एवं एम एस सुब्बुलक्ष्मी पहली बार सम्मानित व्यक्तियों में शामिल थे।
पद्मश्री – भारत के नागरिक पुरस्कारों के पदानुक्रम में यह चौथा पुरस्कार है। इससे पहले क्रमश: भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म भूषण का स्थान है। यह भी किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट कार्य के लिए दिये जाने वाला बड़ा राष्ट्रीय पुरस्कार है। इसके अग्रभाग पर ‘पद्म’ और ‘श्री’ शब्द देवनागरी लिपि में अंकित रहते हैं।