Explanation : ऊ प्रत्यय वाले शब्द – झाडू, बाजारू, घरू, झेँपू, पेटू, भोँपू, गँवारू, ढालू आदि। जिन कृदंत शब्दों से किसी के साधन का बोध होता है, उन्हें करणवाचक कृदन्त कहते हैं। ये कृदन्त शब्द धातुओं के अन्त में आ, ई, ऊ, न, नी आदि प्रत्यय जोड़कर बनाये जाते हैं। इसके अलावा जिन प्रत्ययों के लगाने से पदार्थ के गुण का बोध हो अर्थात् शब्द विशेष रूप से परिणित हो जायें उन्हें गुणवाचक (विशेषणवाचक) तद्धित कहते हैं। ये प्रत्यय हैं— आ, आर, आल, आऊ, इक, ई, ईला, उआ, ऊ, ऐल, ऐला, ला, वन्त, हरा, हला आदि, जैसे – बाजारू, ढालू, पेटू, गरजू, झांसू, धरू। बता दे कि प्रत्यय दो शब्दों प्रति + अय से मिलकर बना है। जिसका अर्थ होता है ‘साथ में, पर बाद में और 'अय' का अर्थ होता है ‘चलने वाला'। प्रत्यय दो प्रकार के होते है–1. कृदंत और 2. तद्धित।
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