निमोनिया (Pneumonia) रोग डिप्लोकोकस न्यूमोनी (Diplococcus pneumonia) नामक जीवाणु से होता है। रोगी को तेज बुखार तथा सांस लेने में कठिनाई होती है। फेफड़ों में सूजन आ जाती है। इस रोग से ग्रसित रोगी को ठंड से बचाते हैं तथा एन्टीबायोटिक्स औषधियाँ प्रयोग करते हैं। निमोनिया अगर गंभीर रूप धारण कर ले, तो जानलेवा हो सकती है। बतादें निमोनिया आमतौर पर बच्चों और बड़ी उम्र के लोगों को अधिक परेशान करता है। लेकिन, यह किसी भी आयु और लिंग के व्यक्ति को हो सकता है।
निमोनिया बैक्टीरिया, वायरल, फंगल और कई अन्य कारणों से होता है–
बैक्टीरिया
स्ट्रेपऑक्स निमोनिया, बैक्टीरियल निमोनिया का सबसे सामान्य प्रकार है। वे लोग जो क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज (सीओपीडी) अथवा शराब पीने की लत से परेशान होते हैं उन्हें यह निमोनिया होने का खतरा काफी अधिक होता है। ऐसे लोग क्लेबसिला निमोनिया और हेमोफिलस निमोनिया के शिकार अधिक होते हैं। एटीपिकल निमोनिया, निमोनिया का ऐसा प्रकार है, जो आमतौर पर गर्मियों के मौसम में अधिक देखने को मिलता है। यह भी बैक्टीरिया के कारण ही होता है।
वायरल
वायरल निमोनिया वे निमोनिया होते हैं, जो आमतौर पर एंटी-बायोटिक ट्रीटमेंट के प्रति असंवदेनशील होते हैं। एडेनावायरस, रिहनोवायरस, इनफ्लूंजा वायरस, रेपिरेटरी सिनेसाइयटिकल वायरस और पारेनफ्लूएंजा वायरस, वायरल निमोनिया होने के संभावित कारण हैं।
फंगल
हिस्टोप्लास्मोसिस, कोसिडायोमाइकोसिस, ब्लास्टोमाइकोसिस, एस्पेरगिलोसिस और क्राइपटोकोसकोसिस, ऐसे फंगल इंफेक्शन हैं, जो आपको निमोनिया दे सकते हैं। अमेरिका में इस प्रकार के निमोनिया आमतौर पर देखने को नहीं मिल रहे।