नीली क्रांति मत्स्य उत्पादन से संबंधित है। इस मिशन का उद्देश्य देश तथा मछुआरों की आर्थिक समृद्धि प्राप्त करना है। इसमें मछली पकड़ने के लिए नए बंदरगाहों का निर्माण, नौकाओं का आधुनिकीकरण, मछुआरों को प्रशिक्षण व स्वरोजगार को प्रोत्साहन देना सम्मिलित है। इसी उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा 'राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड' की स्थापना 9 सितंबर, 2006 को एक स्वायत्त संस्था के रूप में की गई थी, जिसका मुख्यालय हैदराबाद में है। नवंबर, 2017 के आंकड़ों के अनुसार समग्र मछली उत्पादन में गत तीन वर्षों में तुलनात्मक रूप में लगभग 18.86 प्रतिशत की वृद्धि और अंत:स्थलीय मस्स्यिकी क्षेत्र में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2017-18 में कुल 12.60 मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन अनुमानित है। वर्तमान में भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक राष्ट्र है। नीली क्रांति के कारण भारत में झींगा मछली के उत्पादन में बहुत बृद्धि हुई है। आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में झींगा का उत्पादन बहुत ही व्यापक स्तर पर होता है इसी कारण आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले को भारत की ‘झींगा मछली की राजधानी’ कहा जाता है।
बता दे कि ताजे जल के मछली उत्पादन में भी भारत, चीन के बाद द्वितीय स्थान पर है।
देश के समग्र मछली उत्पादन में शीर्षस्थ राज्य क्रमश: आंध्रप्रदेश, पश्चिमी बंगाल, गुजरात, केरल एवं तमिलनाडु का है।
देश में सागरीय मछली उत्पादन में अग्रणी राज्य क्रमश: गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, एवं आंध्रप्रदेश हैं।
आंतरिक क्षेत्र में मछली उत्पादक शीर्षस्थ चार राज्य क्रमश: आंध्र प्रदेश, बिहार ओड़िसा एवं असोम हैं।
संसार में सर्वाधिक मछली उत्पादन चीन में होता है।
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