(A) खाना किसी का, एहसान किसी का खाते हो मेरा और बखान कर रहे हो अपने परिवार का।
(B) थोड़ा-थोड़ा करके अधिक हो जाता है।
(C) जिसने स्वयं दु:ख नहीं झेला है, वह दूसरे के दु:ख को नहीं समझ सकता
(D) फकीर को देखकर ही समझ लेना चाहिए कि वह कुछ मांगने ही आया है