Explanation : झारखंड के राज्यपाल का नाम रमेश बैस (Ramesh Bais) है। झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन ने उन्हें 14 जुलाई 2021 को झारखंड के 10वें राज्यपाल पद की शपथ दिलाई। राजभवन के बिरसा मंडप में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। रमेश बैस अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की राजनीति का जाना माना नाम है। पार्षद से राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले रमेश बैस सात बार लोकसभा सदस्य रह चुके हैं। केंद्र सरकार में राज्य मंत्री के तौर पर रासायनिक एवं उर्वरक, सूचना एवं प्रसारण, खान और पर्यावरण एवं वन जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी वो निर्वाह कर चुके हैं। अटल बिहारी वायपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे हैं।
रमेश बैस का राजनीतिक सफर
–रमेश बैस 1978 में रायपुर नगर निगम के लिए चुने गए
–1980 से 1984 तक मध्यप्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे
–1989 में रायपुर अविभाजित मध्यप्रदेश से पहली बार 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए
–11वीं, 12वीं, 13वीं, 14वीं, 15वीं और 16वीं लोकसभा में फिर से निर्वाचित हुए
–देश के केंद्रीय मंत्री के रूप में भी संभाल चुके हैं कार्यभार....अगला सवाल पढ़े
Explanation : बिरसा मुंडा का पूरा नाम बिरसा पुर्ती (मुंडा) है। इनके बचपन का नाम दाऊद मुंडा था। बिरसा मुंडा के माता का नाम करमी हटू और पिता का नाम सुगना मुंडा था। बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को हुआ, वे छोटा नागपुर पठार की मुंडा जनजाति से ...Read More
Explanation : देश का पहला पूर्ण सौर ऊर्जा संचालित जिला न्यायालय खूंटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर, 2015 को झारखंड के खूंटी जिला न्यायालय में पूर्ण और सौर ऊर्जा संचालन का उदघाटन किया गया था। यह भारत ही नहीं बल्कि एशिया का भी ...Read More
Explanation : झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) है। वह झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे शिबू सोरेन के पुत्र हैं। हेमंत सोरेन पहली बार 13 जुलाई, 2013 से 23 सितंबर, 2014 तक राज्य के नौवें मुख्यमंत्री रहे। इनका जन्म 10 अगस ...Read More
Explanation : कोरवा जनजाति में विधवा पुनर्विवाह को 'मैयारी' कहते हैं। कोरवा आदिवासी मुंडा प्रजाति समूह से सम्बन्ध रखते हैं। यह जनजाति मुख्यतः झारखंड तथा छत्तीसगढ़ में पाई जाती है। छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजाति जशपुर, सरगुजा, बलरामपुर, तथा को ...Read More
Explanation : 'घुमकुड़िया' का तात्पर्य युवागृह है। यह उरांव जनजाति की परम्परा में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उरांव जनजाति की भाषा कुडख (कोरख) मानी जाती है। घुमकुड़िया पुरखों (बुजुर्गों) के अनुभवों तथा ज्ञान को नई पीढ़ी को हस्तान्तरित करने का मा ...Read More
Explanation : माघे पर्व से पहाड़ी खड़िया की आर्थिक स्थिति उजागर होती है। माघे पर्व को झंडा पर्व भी कहा जाता है। यह पर्व मुंडा जनजाति द्वारा रांची जिले के कई प्रखंडों में मनाया जाता है। इस पर्व के अवसर पर जतरा निकाला जाता है। इस पर्व के लिए यह ...Read More
Explanation : पालकोट की गुफाएं गुमला में स्थित है। यहां आदिवासियों की आबादी अधिक है। गोबरसिली पालकोट में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह राजा बाली और सुग्रीव की राजधानी थी। इसके अलावा पालकोट अभयारण्य रांची से लगभग 120 किलोमीटर दूरी पर है। ...Read More
Explanation : झारखंड में मलूटी को मंदिरों का नगर के रूप में जाना जाता है। मलूटी पश्चिम बंगाल की सीमा पर बसा दुमका जिले का एक गांव है। जिसमें 108 मंदिर हैं। इसे भारत सरकार ने विशिष्ट धर्मस्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इस मंदिर क ...Read More
Explanation : झारखंड का उच्च न्यायालय देश का 21वां न्यायालय है। झारखंड के पहले मुख्य न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता थे। इनका कार्यकाल 5 दिसंबर, 2000 से 7 मार्च, 2003 तक रहा था। झारखंड राज्य का गठन स्वतंत्र भारत के 28वें राज्य के रूप में 15 नवंबर ...Read More
Explanation : झारखंड उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता थे। इनका कार्यकाल 5 दिसंबर, 2000 से 7 मार्च, 2003 तक रहा था। झारखंड उच्च न्यायालय वर्ष 2000 में बिहार पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के अधीन स्थापित किया गया। यह रांची में स ...Read More