Explanation : मुगल साम्राज्य का पतन वर्ष 1707 में हुआ था। क्योंकि इसके पतन की प्रक्रिया औरंगजेब की मृत्यु के साथ ही शुरू हो गई थी। औरंगज़ेब की नीतियों तथा उसके बाद के शासकों की असफलता ने पतन को अवश्यम्भावी बनाया। इतिहासकारों का मुगल साम्राज्य के पतन को लेकर दो मत हैं। पहले मत का मानना है कि औरंगज़ेब अपनी नीतियोंधार्मिक, राजपूत, दक्कन आदि के कारण मुगल साम्राज्य के पतन के लिए जिम्मेदार है। जबकि दूसरे मत का के अनुसार मुगल साम्राज्य के पतन को लंबे समय तक चलने वाली प्रक्रिया का परिणाम माना है। इस वर्ग के इतिहासकारों का मानना है कि मनसबदारी व्यवस्था की कमियां तथा जागीरदारी का संकट मुगल साम्राज्य के पतन के मुख्य कारण रहे।
संक्षेप में कहे तो मुगल साम्राज्य का पतन किसी एक नहीं, बल्कि कई कारणों से हुआ; जैसे-जागीरदारी व्यवस्था के संकट, एक स्थिर केंद्रीय प्रशासन का अभाव; औरंगज़ेब की धार्मिक असहिष्णुता की नीति; दक्कन सैन्य अभियानों में व्यापक मात्रा में धन और जन की हानि; वंशानुगत तानाशाही; अयोग्य उत्तराधिकारी मनसबदारी व्यवस्था की खामियां; तकनीकी एवं प्रौद्योगिकीय पिछड़ेपन; सैन्य दुर्बलता तथा विदेशी आक्रमण के संदर्भ में समझा जा सकता है।....अगला सवाल पढ़े
Explanation : सुभाष चंद्र बोस का राजनीतिक गुरु चितरंजन दास था। वह देशबंधु के उपनाम से प्रसिद्ध थे। चितरंजन दास का जन्म 5 नवंबर, 1870 को कोलकाता में हुआ था। इनका ताल्लुक ढाका के विक्रमपुर के तेलिरबाग के प्रसिद्ध दास परिवार से था। इनके पिता भुवन ...Read More
Explanation : किसान घाट चौधरी चरण सिंह का समाधि स्थल (Kisan Ghat Samadhi Sthal) है। जो भारत के पांचवें प्रधानमंत्री (कार्यकाल 28 जुलाई 1979 – 14 जनवरी 1980) रह चुके है। चौधरी चरण सिंह का जन्म मेरठ जिले के नूरपुर गांव में 23 दिसंबर 1902 में हुआ ...Read More
Explanation : ठाकुर रोशन सिंह को 19 दिसंबर 1927 को इलाहाबाद (प्रयागराज) ज़िले की मालका/नैनी जेल में फांसी दी गई थी। इनका जन्म 22 जनवरी 1892 को, नवादा गाँव में कौशल्या देवी और जंगी सिंह के घर हुआ था। ठाकुर रोशन सिंह एक प्रबल राष्ट्रवादी थे, जो ...Read More
Explanation : रेगुलेटिंग एक्ट वर्ष 1773 में पारित किया गया। बंगाल के गवर्नर वारेन हेस्टिंग्स के समय ब्रिटिश संसद द्वारा कंपनी की गतिविधियों, ब्रिटिश सरकार को निगरानी में लाने, कंपनी की संचालन समिति में आमूल-चूल परिवर्तन करने तथा कंपनी के राजनी ...Read More
Explanation : चंपारण सत्याग्रह का संबंध बिहार राज्य से है। जो एक किसान विद्रोह था और भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान शुरू हुआ था।चंपारण सत्याग्रह (Champaran Satyagraha) की शुरुआत गांधीजी द्वारा बिहार राज्य के चंपारण से की गई थी। चंपारण ...Read More
Explanation : अवध राज्य का अंतिम नवाब वाजिद अली शाह था। ये अमजद अली शाह के पुत्र थे। 1856 ई. में लॉर्ड डलहौजी ने कुशासन का आरोप लगाकर अवध पर अधिकार कर लिया और वाजिद अली शाह को कलकत्ता भेज दिया। बता दे कि पश्चिम के कन्नौज से लेकर पूर्व में कर्म ...Read More
Explanation : हैदराबाद के स्वतंत्र राज्य की स्थापना चिनकिलिच खां (Chin Qilich Khan) ने की थी। मुगल बादशाह मुहम्मदशाह द्वारा दक्कन में नियुक्त सूबेदार चिनकिलिच खां (निजामुलमुल्क) ने इसकी स्थापना 1724 ई. में की थी। मुहम्मदशाह ने 1722 ई. में चिनक ...Read More
Explanation : अकबर द्वितीय शाहआलम द्वितीय के पुत्र थे। शाहआलम द्वितीय का मूल नाम शाहज़ादा अलीगौहर था। शाहआलम द्वितीय की मृत्यु के बाद उसका पुत्र अकबर द्वितीय (1806-37 ई.) मुगल बादशाह बना। यह भी अंग्रेज़ों का पेंशनभोगी बना रहा। अकबर द्वितीय अंग ...Read More
Explanation : आलमगीर द्वितीय के पिता का नाम जहांदारशाह (Jahandar Shah) और माता का नाम अनूपबाई था। इसका जन्म 6 जून 1699 को बुरहानपुर में हुआ था। इसका मूल नाम अजीजुद्दीन था। आलमगीर द्वितीय (1754-59 ई.) अपने वजीर इमादुलमुल्क का कठपुतली शासक था। इ ...Read More
Explanation : शाह आलम द्वितीय का मूल नाम शाहज़ादा अलीगौहर था। जो 17वां मुग़ल बादशाह था। लेकिन शाहआलम द्वितीय और उसके उत्तराधिकारी केवल नाममात्र के सम्राट थे और अपने अमीरों, मराठों अथवा अंग्रेजों के हाथों की कठपुतलियाँ थे। इसके समय में पानीपत क ...Read More