(A) अंतरराष्ट्रीय व्यापार में प्रयुक्त मुद्राओं की तुलना में देश की मुद्रा का मूल्य घट जाना।
(B) मुद्रा विशेष को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपना उचित मूल्य अंकवाने देना।
(C) कुछ पूर्व निर्धारित मुद्राओं के समूह के मूल्य में आने वाले परिवर्तनों के साथ मुद्रा विशेष का मूल्य निर्धारित करना।
(D) अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और प्रमुख व्यापार सहभागियों के साथ बहुपक्षीय परामर्श करके मुद्रा विशेष का मूल्य निर्धारित करना।