मोपला विद्रोह क्या है?

(A) उच्च जातीय की शक्ति बढ़ाना
(B) नये करों के विरूद्ध संघर्ष
(C) नर बलि ​के विरूद्ध संघर्ष
(D) अंग्रेजी अत्याचार ​के विरूद्ध संघर्ष

Answer : उच्च जातीय की शक्ति बढ़ाना

मोपला विद्रोह ब्रिटिश सरकार द्यारा भू-स्वामियों के अधिकार का विस्तार करके उच्च जातीय हिंदू नम्बूदरी एवं नायर भू-स्वामियों की शक्ति बढ़ा देने के कारण हुआ था। मोपला केरल के मालाबार क्षेत्र (वर्तमान केरल) में लंबे समय से रह रहे अरब एवं मलयाली मुसलमान थे। ये अधिकतर छोटे किसान या व्यापारी थे। मोपला विद्रोह ने साम्प्रदायिक रूप धारण कर लिया, क्योंकि अधिकांश भू-स्वामी हिंदू थे तथा काश्तकार मुसलमान थे। इसके अलावा मोपलों ने यह विश्वास कर लिया कि वह लड़ते हुए मारे जाने पर जन्नत में स्थान प्राप्त करेंगे। 1852 ई. में ब्रिटिश शासन ने एक नेता सैयद फजल पुक्कोया थंगल को भारत से निर्वासित कर दिया। मोपला अत्याचार कानून बनाया गया। तिरूरंगडी के निकट माम्बरम के सैयद अलावी तथा उसके पुत्र फज्ले रूप में उभरे अछूत चेरूमरों ने भी बड़ी संख्या में इस नए धर्म को अपना लिया। वर्ष 1921 में पुन: एक बार मोपला किसानों का विद्रोह शुरु ​हुआ। मोपला असंतोष की जड़े स्पष्टत: कृषि व्यवस्था में थीं। खिलाफत आंदोलन के नेता शौकत अली, महात्मा गांधी, मौलाना अबुल कलाम आजाद ने इस विद्रोह का समर्थन किया था। अली मुसलियार तथा कुन अहमद हाजी इसके प्रमुख नेता थे। प्रारंभ में कांग्रेस का रुख इस विद्रोह के समर्थन में था, लेकिन हिंदू विरोधी रुख होने के कारण कांग्रेस ने इस आंदोलन से स्वयं को पृथक कर लिया। मोपला विद्रोह की उग्रता को देखते हुए सरकार ने सैनिक शासन की घोषणा कर इसे कुचल दिया।
Tags : आधुनिक इतिहास इतिहास प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Mopla Vidroh Kya Hai