मर्कोसुर (Mercosur) का औपचारिक नाम ‘मर्काडो कोमुन डेल कोनो सुर’ (Mercado Comun del Cono Sur) है। विदेशी व्यापार में वृद्धि के लिए स्वतंत्र व्यापार क्षेत्रों (Free Trade Zones) की स्थापना के निमित्त 1 जनवरी, 1995 से दक्षिण अमरीका के चार राष्ट्रों – ब्राजील, अर्जेंटीना, पैराग्वे तथा उरुग्वे के बीच एक साझा बाजार (Common Market) ‘मर्कोसुर’ (Mercosur) प्रभावी हो गया था। मर्कोसुर स्पेनिश नाम का शब्द संक्षेप है, जिसका अर्थ है दक्षिणी शंकु का साझा बाजार। इस संघ के चारों राष्ट्रपतियों ने अन्य राष्ट्रों के इस व्यापार समझौते में शामिल होने के द्वार खुला रखा हैं। सनद रहे कि बोलिविया, चिली, पेरू, कोलंबिया एवं इक्वेडोर इस संघ के एसोसिएट सदस्य हैं जबकि न्यूजीलैंड एवं मेक्सिको इस समूह के आब्जर्वर देश हैं। वर्तमान में इस संघ की सदस्य संख्या 4 हैं। मोंटेवीडियो (Montevideo), उरुग्वे इस संघ का मुख्यालय है। मर्कोसुर की स्थापना के प्रमुख उद्देश्य कृषि, उद्योग, वित्त, परिवहन और अन्य क्षेत्रों से जुड़ी नीतियों में तारतम्य स्थापित करने हेतु एक साझा क्षेत्रीय बाजार का गठन करना, और; क्षेत्रेत्तर व्यापार तथा विदेशी निवेश के माध्यम से आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देना हैं।
लैटिन अमरीका के व्यापार क्षेत्र (Trade Block) मर्कोसुर (Mercosur) के साथ एक वरीयता व्यापार समझौते (Preferential Trade Agreement) पर भारत ने हस्ताक्षर मार्च, 2005 में संपन्न किए थे। इससे लैटिन अमरीकी देशों के साथ भारत के वाणिज्यिक संबंधों का विस्तार हो सका है। ध्यातव्य है कि वेनेजुएला इस समूह का सदस्य 31 जुलाई, 2012 में बना था, परंतु मापदंडों का पालन न करने के कारण इसे 1 दिसंबर, 2016 को दक्षिण अमेरिकी उप-क्षेत्रीय आर्थिक समूह ‘मर्कोसुर’ द्वारा समूह की सदस्यता से निलम्बित कर दिया गया।