Explanation : मनुष्य के 20 दांत जीवन में दो बार विकसित होते हैं। दांत का जो अंश दिखाई देता है, वह श्वेत रंग का कड़ा तथा एनैमल चढ़ा हुआ होता है। शिशु जब जन्म लेता है तब उसके मुख में दांत नहीं होते हैं परन्तु छठे महीने से डेढ़ वर्ष की आयु तक उसके दूध के दांत निकल आते हैं। 6 वर्ष की आयु होते-होते दूध के दांत गिरने तथा नये एवं स्थायी दांत निकलने लगते हैं, इनमें अगले दस सबसे पहले तथा पिछले दांत सबसे बाद में गिरते हैं तथा निकलते हैं। स्थायी दांतों की कुल संख्या 32 होती है परन्तु किसी-किसी के मुख में 28 या 30 ही दांत पाये जाते हैं। मनुष्य के दोनों जबड़ों में चार प्रकार के दांत पाये जाते हैं– 1. कृन्तक या छेदक दंत (इनसाइजर्स)- यह भोजन को पकड़ने काटने या कुतरने का कार्य करता है। प्रत्येक जबड़े में इनकी संख्या 4 होती है। 2. भेदक या रतनक (कैनाइन्स)- ये नुकीले होते हैं और भोजन को चीरने और फाड़ने का कार्य करते हैं। प्रत्येक जबड़े में इनकी संख्या 2 होती है। 3. अग्र चवर्णक दंत (प्रीमोलर्स)- ये किनारे पर चपटे, चौकोर व रेखादार होते हैं। इनका कार्य भोजन कुचलना या चबाना है।प्रत्येक जबड़े में इनके संख्या चार होती है। 4. चवर्णक दंत (मोलर्स)- इनके सिर चौरस व तेज धार युक्त होते हैं। इनका मुख्य कार्य भोजन को पीसना है। प्रत्येक जबड़े में इनकी संख्या 6 होती है। ....अगला सवाल पढ़े
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Explanation : कोशिका का शक्तिगृह यानि पावर हाउस माइटोकांड्रिया (Mitochondrion) को कहते हैं। इसकी खोज वर्ष 1886 में अल्टमैन ने की थी, लेकिन बेंडा ने इसका नामकरण किया। यह कोशिका का श्वसन स्थल है इनकी संख्या कोशिका में निश्चित नहीं होती है। यहाँ ...Read More
Explanation : मोर सर्वोच्च उपभोक्ता है। कुछ खाद्य श्रंखला में मोर चतुर्थ उपभोक्ता होता है। जैसे, केंचुआ → मेंढक → सर्प → मोर शीर्ष उपभोक्ता होते हैं जो द्वितीयक या तृतीयक उपभोक्ताओं को खाते हैं किन्तु इन्हें कोई नहीं खाता है, जैसे शेर, बा ...Read More
Explanation : ऑप्टोमेट्रिस्ट (Optometrist) को हिंदी में दृष्टि विशेषज्ञ यानि आंखों का डाक्टर कहते हैं। ऑप्टोमेट्रिस्ट आंखों से संबंधित समस्याओं की पहचान कर उसका उपचार द्वारा निदान करता है। एक ऑप्टोमेट्रिस्ट ऑप्टोमेट्री का डॉक्टर (ओडी) होता है, ...Read More
Explanation : पित्ताशय में मौजूद पथरी वसा का पाचन प्रभावित करती है। क्योंकि पित्ताशय से स्रावित होने वाला पित्त रस वसा के पाचन में सहायक होता है। गॉल ब्लैडर यानी पित्ताशय की थैली की पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका है। यह लिवर से आने वाले बाइल (पाचक ...Read More
Explanation : वनस्पति विज्ञान का जनक थिओफ्रेस्टस (Theophrastus) को कहा जाता है। इनका जन्म ईसा पूर्व 372 में, लेज़बासॅ (Lesbos) द्वीप के एरेसस (Eresus) नामक नगर में हुआ था तथा मृत्यु ईसा पूर्व 287 में हुई। इन्हें पौधों के क्षेत्र में विशिष्ट यो ...Read More
Explanation : हरे फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए प्रयुक्त गैस एथिलीन या एसिटीलीन है। वैश्विक स्तर पर पकाने की क्रिया एथिलीन जेनरेटर द्वारा प्राप्त एथिलीन द्वारा की जाती है जो कि महंगी विधि है। इसलिए सस्ते पदार्थ जैसे, कैल्शियम कार्बाइड, ई ...Read More
Explanation : विटामिन बी 12 में कोबाल्ट पाया जाता है। विटामिन B12 को कोबालमीन (Cobalamin) भी कहा जाता है। यह एकमात्र ऐसा विटामिन है, जिसमें कोबाल्ट धातु पाई जाती है। यह शरीर के स्वास्थ्य और संतुलित कार्य प्रणाली के लिए बेहद आवश्यक विटामिन है। ...Read More
Explanation : कवक लाइकेन एवं माइकोराइजा में जिनमें कवक क्रमशः नील-हरित शैवाल एवं उच्च पादपों जैसे-पाइनस की मूल के साथ भोजन एवं आश्रय हेतु सहजीवी सम्बन्ध बनाते हैं। पैरामीशियम प्रोटोजोआ एवं क्लोरेला शैवाल के माध्यम जिसमें क्लोरेला को पोषक तत्व, ...Read More
Explanation : अपशिष्ट उत्पादों को खाने वाले जीवों को अपरदाहारी कहा जाता है। अपरदाहारी ऐसे जीव हैं जो अपना भोजन स्वयं नहीं बनाते हैं लेकिन इसे सड़ने वाले पदार्थों सड़ी-गली-पत्तियाँ, टूटी टहनी या तना, गोबर आदि या अपशिष्ट पदार्थों से प्राप्त करते ...Read More
Explanation : सीप या ऑयस्टर (Oyster) एक सा जलीय मोलस्क जंतु है, जिसमें निस्यन्द भोजी (फिल्टर फीडर) प्रकार की पोषण की विधि पाई जाती है। यह जंतु जल में, निलम्बित रूप से मौजूद भोजन के कण, यी लार्वा, पादपप्लवक आदि को पोषण (भोजन) के रूप में ग्रहण क ...Read More
Web Title : Manushya Ke Kitne Dant Jeevan Mein Do Baar Viksit Hote Hain