Explanation : मानवाधिकार की सार्वभौमिक घोषणा के परिणामस्वरूप संयुक्त राष्ट्र संघ ने 10 दिसम्बर 1948 को इसे अंगीकार किया। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (United Nations Human Rights Council – UNHRC) संयुक्त राष्ट्रसंघ ने मानव अधिकार आयोग की स्थापना वर्ष 1946-47 में आर्थिक एवं सामाजिक परिषद् की एक कार्यात्मक समीति के रूप में भी थी। आपको बता दे कि संयुक्त राष्ट्र दुनिया के लगभग सभी देशों का एक ऐसा संयुक्त मंच है जिसकी कोशिश दुनिया को हर मोर्चे पर बेहतर बनाने की रही है। इसी कड़ी की एक इकाई मानवाधिकार आयोग (Human Rights Commission) था। जिसे वर्ष 2006 में खत्म करते हुए इसके स्थान पर यूएन की मानवाधिकार परिषद बनाई गई और इसमें दुनिया को 5 इलाकों (Regional Groups) में बांटकर तकरीबन हर देश का प्रतिनिधित्व संस्था में लाने की कोशिश रही। मानवाधिकारों के दायरे में स्वतंत्रता, समानता, जीने, गुलाम या बंधुआ व्यवस्था न होने, प्रताड़ना या शोषण का विरोध, सबके लिए समान कानून, किसी को गैरकानूनी बंधक न बनाना, कानूनी लड़ाई के अवसर, दोषसिद्ध न होने तक निर्दोष माने जाने, निजता की सुरक्षा, कहीं आने जाने की आज़ादी, सुरक्षित स्थान पर जीने, राष्ट्रीयता, शादी व परिवार रखने, निजी संपत्ति रखने, विचार करने, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जनसभा की आज़ादी, लोकतंत्र, सामाजिक सुरक्षा, कामगारों के अधिकार, खेलने की आज़ादी, सबके लिए भोजन व आवास, शिक्षा, कॉपीराइट, निष्पक्ष व स्वतंत्र संसार, उत्तरदायित्व आदि अधिकार शामिल हैं।
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