महिला स्वयंसिद्धा योजना महिला सशक्तिकरण के लिए 12 जुलाई 2001 को केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री द्यारा केन्द्रीय परामर्श समिति की बैठक में इसकी घोषणा की गई थी। महिला स्वयं सिद्ध योजना को पूर्व में संचालित इंदिरा महिला योजना और महिला समृद्धि योजना के स्थान पर क्रियान्वित किया जा रहा है। नई योजना को महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के गठन के माध्यम से संचालित किया जाता है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य महिलाओं का चहुंमुखी विकास, विशेष तौर पर सामाजिक और आर्थिक विकास करना है। इस योजना का चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में लागू किया जाना था। प्रारम्भ में प्रथम चरण में देश के 650 विकास खण्डों में इसे 116 करोड़ रुपये व्यय करते हुए संचालित करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के अन्तर्गत 9.30 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया जा सकेगा।