महावीर को ज्ञान की प्राप्ति किस नदी के तट पर हुई?

(A) स्वर्णसिक्ता
(B) पलाशिनी
(C) गंगा
(D) ऋजुपालिका

Question Asked : UPPSC Review Officer/Assistant Review Officer Prelims Exam 2019

Answer : ऋजुपालिका

महावीर स्वामी को 12 वर्ष तक लगातार कठोर तपस्या एवं साधना के बाद 42 वर्ष की अवस्था में जम्भिक ग्राम के समीप ऋजुपालिका नदी के किनारे एक साल के वृक्ष के नीचे कैवल्य सर्वोच्च ज्ञान प्राप्त हुआ। भगवान महावीर तीर्थंकरों की कड़ी के अंतिम तीर्थंकर हैं। उनका जन्म नाम वर्धमान है। राजकुमार वर्धमान के माता-पिता श्रमण धर्म के पार्श्वनाथ सम्प्रदाय से थे। महावीर से 250 वर्ष पूर्व 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ हुए थे। पार्श्वनाथजी के काल में ही श्रमण परंपरा को व्यवस्थित रूप दिया गया था। भगवान महावीर का जन्म 27 मार्च 598 ई.पू. अर्थात 2615 वर्ष पहले वैशाली गणतंत्र के कुंडलपुर के क्षत्रिय राजा सिद्धार्थ के यहां हुआ। उनकी माता त्रिशला लिच्छवि राजा चेटकी की पुत्र थीं। भगवान महावीर ने सिद्धार्थ-त्रिशला की तीसरी संतान के रूप में चैत्र शुक्ल की तेरस को जन्म लिया।
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Web Title : Mahavir Ko Gyan Ki Prapti Kis Nadi Ke Tat Par Hui