Explanation : महावीर स्वामी की मृत्यु के बाद सुधर्मण जैन संघ के प्रधान हुए तथा उनके बाद जम्बू जैन संघ के प्रधान बने। जैन धर्म में प्रथम विद्रोह का नेतृत्व जामालि ने किया था। महावीर स्वामी के 11 प्रधान शिष्य थे, जिन्हें गणधर कहा जाता है। इनमें इन्द्रभूति, अग्निभूति, वायुभूति, धक्त, सुधर्मण, मण्डित, मोरियपुत्र, अंकपति, अचलभाता, मेतार्य तथा प्रभास शामिल हैं।
जैन धर्म के 24 तीर्थकर हुए हैं- 1. ऋषभदेव, 2. अजितनाथ, 3. सांबनाथ, 4. अभिनंदन, 5. सुमतिनाथ, 6. पद्यप्रभ, 7. सुपार्श्वनाथ, 8. चंद्रप्रभ, 9. सुविधिनाथ, 10. शीतलनाथ, 11. श्रेयांशनाथ, 12. वासुपूज्य, 13. विमलनाथ, 14. अनंतनाथ, 15. धर्मनाथ, 16. शांतिनाथ, 17. कुंथुनाथ, 18. अरिनाथ, 19. मल्लिनाथ, 20. मुनिसुव्रतनाथ, 21. नेमिनाथ, 22. अरिष्टनेमि, 23. पार्श्वनाथ और 24. महावीर।
....अगला सवाल पढ़े