Explanation : 'माधव' प्रेमचंद की कफन कहानी का पात्र है। 'कफन' प्रेमचंद की अंतिम तथा कालजयी कहानी है। यह कहानी सन 1935 में उर्दू तथा 1936 ई. में हिंदी में पहली बार प्रकाशित हुई थी। समय की दृष्टि से 'कश्मीरी सेब' प्रेमचंद की अंतिम कहानी है, लेकिन पूर्ण यथार्थ की अभिव्यक्ति के माध्यम से हिन्दी साहित्य को एक नवीन प्रगतिशील धारा की ओर उन्मुख करने के कारण 'कफन' को ही प्रेमचंद की अंतिम कहानी माना गया। इस कहानी में घीसू' और 'माधव' नामक कथापात्रों के माध्यम से सामाजिक विषमताओं के प्रतिफल स्वरूप निम्न वर्ग में पनपे असंतोष, अधैर्य, संवेदनहीनता और मानवीयता के मनोविज्ञान को चित्रित किया गया है।....अगला सवाल पढ़े
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Explanation : मनोहर श्याम जोशी जी का जन्म 9 अगस्त, 1933 को कुमाऊँ में और मृत्यु 30 मार्च, 2006 को नई दिल्ली में हुई। प्रसिद्ध साहित्यकार, उपन्यासकार, व्यंग्यकार, पत्रकार, दूरदर्शन धारावाहिक लेखक, जनवादी-विचारक, फ़िल्म पट-कथा लेखक, उच्च कोटि के ...Read More
Explanation : मनोहर श्याम जोशी को साहित्य अकादमी पुरस्कार वर्ष 2005 में उनकी रचना ‘क्याप’ के लिए मिला था। 9 अगस्त, 1933 को कुमाऊँ में पैदा हुए जोशी हिंदी के प्रसिद्ध पत्रकार और टेलीविज़न धारावाहिक लेखक थे। इनकी प्रमुख रचनाओं में ‘कुरु कुरु स्व ...Read More
Explanation : बाबा नागार्जुन का जन्म 30 जून, 1911 को मधुबनी बिहार में हुआ था। वह प्रगतिवादी विचारधारा के लेखक और कवि थे। प्रसिद्ध लेखक कवि नागार्जुन ने 1945 ई. के आसपास साहित्य सेवा के क्षेत्र में कदम रखा। शून्यवाद के रूप में नागार्जुन का नाम ...Read More
Explanation : प्रथम राजभाषा आयोग का गठन 7 जून 1955 को हुआ था। इसके गठन का उद्देश्य राष्ट्रपति को भाषा संबंधी उन निर्णयों के लेने में मदद कर सके जो अनुच्छेद-344 में वर्णित है। प्रथम राजभाषा आयोग के अध्यक्ष बी.जी. खेर थे। इस आयोग ने 1956 में राष ...Read More
Explanation : राजभाषा आयोग के प्रथम अध्यक्ष बाल गंगाधर खरे (Bal Gangadhar Kher) थे। संविधान के अनुच्छेद 344 में राष्ट्रपति को राजभाषा आयोग को गठित करने का अधिकार दिया गया है। इसलिए राष्ट्रपति ने 7 जून 1955 में राजभाषा आयोग का गठन किया था। बी. ...Read More
Explanation : मुंशी प्रेमचंद की प्रथम कहानी संसार का सबसे अनमोल रत्न है। प्रेमचंद हिंदी कहानी के शिखर पुरुष हैं। उन्होंने कहानियों की 'कर्मभूमि' ही नहीं बदली, बल्कि उनका 'कायाकल्प' भी कर दिया। उन्होंने सन् 1907 में अपनी प्रथम कहानी 'संसार का स ...Read More
Explanation : माखनलाल चतुर्वेदी का उपनाम पंडितजी (Panditji) है। पुष्प की अभिलाषा और अमर राष्ट्र जैसी ओजस्वी रचनाओं के रचयिता माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 में मध्य प्रदेश में हुआ था। करियर की शुरुआत अध्यापन से की। 1913 में अध्यापन छो ...Read More
Explanation : निर्मल वर्मा को साहित्य अकादमी पुरस्कार 1985 में मिला था। इसके अलावा 1999 का ज्ञानपीठ पुरस्कार और 2005 में साहित्य अकादमी का सर्वोच्च सम्मान साहित्य अकादमी की महत्तर सदस्यता उल्लेखनीय हैं। वर्ष 2002 में पद्म भूषण से भी सम्मानित क ...Read More
Explanation : कवि रामनरेश त्रिपाठी का जन्म 4 मार्च 1889 को उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुआ था। द्विवेदी युग व छायावाद युग की कड़ी रहे पंडित रामनरेश त्रिपाठी ने 'प्रभो..आनंददाता ज्ञान हमको दीजिए' जैसे प्रेरणादायी गीत लिखे। 1920 में हिंदी के प्रथ ...Read More
Explanation : पंडित नरेंद्र शर्मा का जन्म 28 फरवरी 1913 को उत्तर प्रदेश के जहांगीरपुर में हुआ था। भंवरे ने खिलाया फूल, यशोमती मैया से बोले नंदलाला जैसे सदाबहार गीत लिखने वाले कवि-गीतकार पंडित नरेंद्र शर्मा ने बतौर गीतकार 1943 में फिल्म ‘हमारी ...Read More