लकुलीश किस मत के प्रवर्तक माने जाते हैं?

(A) आजीवक
(B) पाशुपत
(C) शैवसिंद्धात
(D) वैखानस

Question Asked : [UPPCS (Pre) Opt. History 1997]

Answer : पाशुपत

पाशुपत शैवों का सबसे प्राचीन संप्रदाय है जिसकी उत्पत्ति ई पूर्व दूसरी शताब्दी में हुई थी। पुराणों के अनुसार इस संप्रदाय की स्थापना लकुलीश अथवा जकुली नमक ब्रह्राचारी ने की थी। इस संप्रदाय के अनुयायी लकुलीश को शिव का अवतार मानते हैं। लकुलीश का जन्म गुजरात में कायावरोहण नामक स्थान पर हुआ था। इन्होंने ईसा पूर्व दूसरी सदी में पाशुपत संप्रदाय की स्थापना की थी। इस संप्रदाय के लोग अपने हाथ में एक लकुट या दंड धारण करते थे, जिन्हें शिव का प्रतीक माना जाता था। इसका प्राचीनतम अंकन कुषाण शासक हुविष्क की एक मुद्रा पर मिलता है। गुप्तकाल में भी इस संप्रदाय के अनुयायी थे। कलचुरि वंश एवं चेदि वंश के शासक भी इस मत के मानने वाले थे। कहीं-कहीं पाशुपत एवं शैव को एक दूसरे का पर्याय माना गया है। शैव संतों के लिए 'पाशुपत आचार्य' संज्ञा का प्रयोग मिलता है।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी प्राचीन काल भारत मध्यकालीन भारत
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Web Title : Lakulish Kismat Ke Pravartak Mane Jate Hain