Explanation : क्षेत्रीय परिषदों की संख्या पांच है। राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के माध्यम से देश को पांच क्षेत्रों में बांटा गया और प्रत्येक क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय परिषद का प्रावधान किया गया था। ये क्षेत्र इस प्रकार हैं–
(i) उत्तरी क्षेत्र- जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और चंडीगढ़
मुख्यालय- नई दिल्ली
(ii) मध्य क्षेत्र- उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश
मुख्यालय- इलाहाबाद
(iii) पूर्वी क्षेत्र- बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल और ओडीशा
मुख्यालय- कोलकाता
(iv) पश्चिम क्षेत्र- गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, दादरा व नागर हवेली और दमन व दीव
मुख्यालय- मुंबई
(v) दक्षिणी क्षेत्र-आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी
मुख्यालय- चेन्नई
क्षेत्रीय परिषदें संविधिक निकाय (न कि संवैधानिक निकाय) हैं। इनका गठन संसद के एक अधिनियम (1956 का राज्य पुनर्गठन अधिनियम था) द्वारा हुआ था। क्षेत्रीय परिषद का उद्देश्य राज्यों, संघराज्यों और केंद्र के मध्य सहयोग और समन्वयन (तालमेल) को बढ़ावा देना है।
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