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क्षणे क्षणे यन्नवतामुपैति तदेव रूपं रमणीयतायाः का अर्थ
June 10, 2020
(A) नियति अतिक्रमणीय होती है अर्थात् होनी नहीं टाला जा सकता।
(B) मनुष्य उत्सव प्रिय होते हैं। (C) जो प्रत्येक क्षण नवीनता को धारण करता है वही रमणीयता का स्वरूप है।
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer :जो प्रत्येक क्षण नवीनता को धारण करता है वही रमणीयता का स्वरूप है।
Explanation : संस्कृत सूक्ति 'क्षणे क्षणे यन्नवतामुपैति तदेव रूपं रमणीयतायाः' का हिंदी में अर्थ– जो प्रत्येक क्षण नवीनता को धारण करता है वही रमणीयता का स्वरूप है। संस्कृत की यह सूक्ति शिशुपालवधम् 4/17 से ली गई है। State TET, CTET, TGT, PGT आदि परीक्षाओं के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण संस्कृत सूक्तियां हिंदी में अर्थ सहित पढ़े– आर्जवं हि कुटिलेषु न नीति:। (नैषधीयचरितम्)
हिंदी में अर्थ– कुटिल जनों के प्रति सरलता नीति नहीं होती।
अल्पस्य हेतोर्बहु हातुमिच्छन्विचारमूढ़: प्रतिभासि में त्वम्।
हिंदी में अर्थ– थोड़ी सी वस्तु के लिए शरीर का त्याग करने वाले राजा दिलीप मुझे मूढ़बुद्धि वाले प्रतीत हो रहे हैं ऐसा सिंह कुम्भोदर ने कहा। ....अगला सवाल पढ़े
Explanation : सेस गनेस महेस दिनेस, सुरेसहु जाहि निरंतर गावै। पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है। अनुप्रास अलंकार की परिभाषा – जहाँ व्यंजनों की आवृत्ति बार-बार हो, चाहे उनके स्वर मिलें या न मिलें वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। अनुप्रास अलंकार शब्दाल ...Read More
Explanation : ज्ञानोदय पत्रिका के संपादक कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ थे। कन्हैयालाल हिन्दी के कथाकार, निबंधकार, पत्रकार तथा स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म 29 मई, 1906 में देवबंद गांव, जिला सहारनपुर में हुआ। उन्होंने "विकास", "ज्ञानोदय" और "नया ...Read More
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Explanation : बुआ शब्द स्त्रीलिंग है और इसका पुल्लिंग शब्द 'फूफा' होगा। बुआ का अर्थ है– 1. पिता की बहन 2. बड़ी बहन (बड़ी बहन को मुस्लिम लोग बुआ या फूफी कहते हैं)। हिन्दी में कुछ शब्द स्त्री-पुरुष के स्वंय में ही जोड़े होते हैं और कुछ स्त्रीलिंग ...Read More
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Explanation : खेत रहना मुहावरे का अर्थ संग्राम में मारा जाना या शहीद होना है। खेत रहना मुहावरे का वाक्य प्रयोग – 1. कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के अनेकों घुसपैठिये खेत रहे। 2. आतंकवादियों से मुठभेड़ में कई भारतीय सैनिक खेत रह गए। मुहावरा शब्द ...Read More
Explanation : संधि के तीन प्रकार होते हैं। जब दो-या-दो से अधिक वर्षों के मूल से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे संधि कहते हैं। संधि मुख्यत: तीन प्रकार की होती है– 1. स्वर संधि – स्वर के साथ स्वर के मेल से उत्पन्न विकार को स्वर संधि ...Read More
Web Title : Kshane Kshane Yannavataamutpati Tadev Rupam Ramaniyataya