कृषि-श्रमिकों की उत्पादकता शून्य होने की स्थिति को क्या कहते हैं?

(A) ढांचागत बेरोजगारी
(B) मौसमी बेरोजगारी
(C) चक्रीय बेरोजगारी
(D) प्रच्छन्न बेरोजगारी

Question Asked : [SSC संयुक्त हायर सेकण्डरी (10 + 2) स्तरीय परीक्षा, 2013]

Answer : प्रच्छन्न बेरोजगारी

प्रच्छन्न बेरोजगारी कृषि पर जनसंख्या के अत्यधिक दबाव का परिणाम है। इसी दबाव के कारण कृषि-कार्य में उससे ज्यादा श्रमशक्ति संलग्न होती है, जितने की जरूरत होती है इसीलिए अगर इस अधिशेष श्रमशक्ति को कृषि कार्य से बाहर कर दिया जाए तो इससे कृषि उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसीलिए ऐसे लोग रोजगार में तो संलग्न दिखाई पड़ते हैं। पर वास्तव में होते नहीं हैं। कारण यह है कि उत्पादन वृद्धि में इनका योगदान शून्य होता है। प्रछन्न बेरोजगारी की धारणा का उल्लेख श्रीमती जॉन राबिन्सन ने की थी।
Tags : अर्थव्यवस्था प्रश्नोत्तरी
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Krishi Shramiko Ki Utpadakta Shunya Hone Ki Sthiti Ko Kya Kehte Hain