किस वेद की रचना गद्य और पद्य दोनों में की गई है?

(A) ऋग्वेद
(B) सामवेद
(C) यजुर्वेद
(D) अर्थर्ववेद

Question Asked : [UPPCS (Pre) Opt. History 2001]

Answer : यजुर्वेद

ऋक् का अर्थ होता है ऋचा। ऋचा का आशय छंद रचना से है। ऋग्वेद में 10 मंडल है जिनमें 1028 सूक्त हैं इसमें मंत्रों की संख्या 10580 है। गृत्समद, विश्वामित्र, वामदेव, अत्रि, भारद्वाज, वशिष्ठ क्रमश: 2 से 7 वें मंडल तक से सं​बंधित है। सामवेद-यह वेद गायन से संबंधित है। इसमें संगीत के 7 सुरों का वर्णन है। यजुर्वेद — यह यज् शब्द से बना है। इसका संकलन यज्ञ संपादन हेतु किया गया हैं अत: इसे पद्धति ग्रंथ भी कहते हैं। यह गद्य एवं पद्य दोनों में है — इसकी दो शाखायें हैं — कृष्ण एवं शुक्ल। कृष्ण यजुर्वेद में ब्राह्मण ग्रंथों का आख्यान भी है। यही गद्य एवं पद्य दोनों में है। अर्थर्ववेद — यह दो ऋषियों अथर्व एवं अंगिरस से संबंधित है। इसमें तंत्र मंत्र, जादू-टोने का वर्णन है जिसका सृजन अंगिरस ने किया है। इसको श्रेष्ठ वेद भी कहा जाता है।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी प्राचीन काल भारत मध्यकालीन भारत
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Web Title : Kis Ved Ki Rachna Gadya Aur Padya Dono Mein Ki Gayi Hai