किस बाजार स्थिति में फर्मों की अधिक्षमता होती है?

(A) पूर्ण प्रतिस्पर्धा
(B) एकाधिकारी प्रतिस्पर्धा
(C) द्वि-अधिकार
(D) अल्पाधिकार

Answer : एकाधिकारी प्रतिस्पर्धा

Explanation : एकाधिकारी प्रतिस्पर्धा बाजार स्थिति में फर्मों की अधिक्षमता होती है। एकाधिकारी प्रतियोगिता (Monopolistic competition) – बाजार का वह रूप है, जिसमें किसी वस्तु के बहुत से विक्रेता होते हैं, परंतु प्रत्येक विक्रेता की वस्तु एक दूसरे से किसी न किसी रूप में भिन्न होती है। अतएवं इस बाजार में वस्तु के बहुत से विक्रेता होते हैं, जो विभेदीकृत वस्तुएं बेचते हैं। वस्तु विभेद सामान्यतया ट्रेडमार्क, ब्राण्ड के नाम आदि द्वारा प्राप्त किया जाता है। उदाहरण के लिए फर्मे अनेक प्रकार के टूथपेस्ट जैसे– कोलगेट, क्लोजअप, पेप्सोडेंट आदि का उत्पादन करती है। एकाधिकारी प्रतियोगिता, एकाधिकार तथा पूर्ण प्रतियोगिता की विशेषताओं का सम्मिश्रण है। ट्रेडमार्क फर्मों को एकाधिकारी शक्ति प्रदान करता है। इसके विपरित, कई फर्मों द्वारा एक ही वस्तु का उत्पादन होने से बाजार में प्रतियोगिता होती है। प्रतियोगिता के साथ एकाधिकारी शक्ति की मौजूदगी उत्पादक को अपने उत्पाद की कीमत पर आंशिक नियंत्रण (Partial control) प्रदान करती है।
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Web Title : Kis Bazaar Sthiti Mein Pharmon Ki Adhikshamata Hoti Hai