कहती हुई यों उत्तरा के नेत्र जल से भर गए में कौन सा अलंकार है?

(A) उत्प्रेक्षा अलंकार
(B) अतिशयोक्ति अलंकार
(C) प्रतिवस्तूपमा अलंकार
(D) दृष्टान्त अलंकार

Answer : उत्प्रेक्षा अलंकार

Explanation : कहती हुई यों उत्तरा के, नेत्र जल से भर गए। हिस के कणों से पूर्ण मानो, हो गए पंकज गए।। पंक्ति में उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। इन पंक्तियों में उतरा के अश्रुपूर्ण नेत्रों (उपमेय) में ओस जल-कण युक्त पंकज (उपमान) की सम्भावना की गयी है। 'मानो' वाचक शब्द प्रयुक्त हुआ है।
उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा – जहां उपमेय में उपमान की संभावना अथवा कल्पना कर ली गई हो, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। इसके बोधक शब्द हैं– मनो, मानो, मनु, मनहु, जानो, जनु, जनहु, ज्यों आदि। सामान्य हिंदी प्रश्न पत्र में उत्प्रेक्षा अलंकार संबंधी प्रश्न पूछे जाते है। इसलिए यह प्रश्न आपके लिए कर्मचारी चयन आयोग, बीएड, आईएएस, सब इंस्पेक्टर, पीसीएस, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी साबित होगें।
Tags : अलंकार अलंकारिक शब्द उत्प्रेक्षा अलंकार
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Kehti Hui Yon Uttra Ke Netra Jal Se Bhar Gaye Main Alankar